नई दिल्ली: लॉकडाउन में बंद पड़ी गाड़ियों की रफ्तार अब धीरे-धीरे तेज होने लगी है. सड़कों पर सरपट दौड़ती गाड़ियां अब दिख तो रही हैं लेकिन उन गाड़ियों के ड्राइवर को सवारियां नहीं दिख रही. क्योंकि कोरोना की वजह से लोगों का निकलना कम हो गया है.
कोरोना ने तोड़ी कमर, दाने-दाने को मोहताज ऑटो चालक
कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं, लेकिन अभी भी लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा है. किराड़ी इलाके में रहने वाले एक ऑटो चालक का परिवार कम कमाई होने की वजह से दाने-दाने को मोहताज है. सुनिए उनका दर्द.
दाने-दाने को मोहताज ऑटो चालक
आलम ये है कि किराये पर ऑटो चलाने वाले लोग रोजोना 250-300 रुपये ही रोजाना कमा पा रहे हैं. ऑटो चालक महबूब आलम की पत्नी सरवरी खातून बताती हैं कि बीते पांच महीने से मकान का किराया बकाया है, बच्चों की ट्यूशन फीस बाकी है. स्कूल फीस भी करीब 20 हजार रुपया बकाया है. ये हालत सिर्फ ऑटो चालकों के परिवार की नहीं बल्कि लाखों परिवारों की है, जो अब कमाई कम होने की वजह से कर्ज में डूबते चले जा रहे हैं.