नई दिल्ली :दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण से पृथक निगमों का वजूद ख़त्म हो गया. अपने 10 साल के कार्यकाल में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने इलाके में कितना विकास कार्य किया. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम से पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आखिरी मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने बातचीत की. श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2002 में पूर्वी दिल्ली नगर निगम अस्तित्व में आया था. पूर्वी दिल्ली नगर निगम संशोधित अधिनियम 2022 के रविवार से लागू होते ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम का अस्तित्व खत्म हो गया.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने अपने कार्यकाल के 10 वर्षों में पूर्वी दिल्ली के लिए ऐतिहासिक काम किया है. निगम का मुख्य काम सफाई का होता है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में आज घर-घर से कूड़ा उठ रहा है. पहले सड़कों पर कूड़ा फेंका रहता था. आज किसी भी सड़क पर कूड़ा दिखाई नहीं देता है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में 230 कूड़ा घरों को बंद कर दिया है. कूड़ा डंपिंग यार्ड तक वैज्ञानिक तरीके से पहुंचाया जाए, इसके लिए अलग-अलग इलाके में कंपैक्टर मशीनें लगाई गई हैं. अब कूड़े को कंपैक्टर मशीन से कंपैक्ट करके डंपिंग यार्ड तक पहुंचाया जाता है.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम का अस्तित्व मिटने के जिम्मेदार केजरीवाल : श्याम सुंदर अग्रवाल
नगर निगम के स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की गई है. पार्को का सौंदर्यीकरण किया गया है. उसमें जिम लगाए गए हैं. निगम के कर्मचारियों की मेहनत की वजह से ही आज दिल्ली में डेंगू-मलेरिया के मामलों पर काबू पाया जा सका है. कोरोना काल में भी पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया.
इन सारे कार्यों के बावजूद पूर्वी दिल्ली नगर निगम का अस्तित्व खत्म किए जाने पर मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि इसके लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली की तीनों निगमों को पंगु बना दिया. उसके हिस्से का पैसा उसे नहीं दिया. जिसकी वजह से आज हालत यह है कि निगम अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे रहा पा रहा है. श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि अब दिल्ली नगर निगम केंद्र के अधीन हो गया है. अगर दिल्ली सरकार निगम का हिस्सा नहीं देगी तो केंद्र सरकार उस पर कार्रवाई करेगी.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम का अस्तित्व मिटने के जिम्मेदार केजरीवाल : श्याम सुंदर अग्रवाल चुनाव होने तक जनता के रोजमर्रा के कामों को लेकर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे. इसके साथ ही सभी पार्षद अपने सामाजिक कार्यों की वजह से ही पार्षद बने हैं. वह अपने सामाजिक कार्यों में लगे रहेंगे और लोगों के कामों को कराने का प्रयास करेंगे.