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नवरात्र में कालका मंदिर के कपाट बंद, फूल-प्रसाद वाले निराश

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Published : Oct 16, 2020, 4:00 PM IST

नवरात्रों में कालकाजी मंदिर बंद रहेगा. ऐसे में मंदिर परिसर में फूल और प्रसाद बेचने वाले दुकानदार परेशान हैं. उनका कहना है कि प्रशासन काम करने से बचना चाहता है, इसलिए बिना कुछ सोचे-समझे मंदिर बंद करने का फैसला कर दिया है.

Kalkaji temple will remain closed in Navratri
मंदिर के बंद कपाट से दुकानदार परेशान

नई दिल्ली: 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो रही है, लेकिन यह पहली बार होगा जब दक्षिण दिल्ली स्थित कालकाजी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए नवरात्रों में बंद रहेंगे. ऐसे में मंदिर बंद होने के साथ-साथ मंदिर परिसर में मौजूद प्रसाद, फूल, माला, चुन्नी आदि की दुकानें भी बंद रहेंगी. बता दें कि कालकाजी मंदिर में प्रसाद फूल माला खिलौने आदि की करीब 500 दुकानें हैं. कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते ये दुकाने बंद थी. ऐसे में दूकानदारों को नवरात्रों से ही कुछ कारोबार होने की उम्मीद थी. लेकिन अब ये उम्मीद टूटती नजर आ रही है.

मंदिर के बंद कपाट से दुकानदार परेशान


लॉकडाउन के बाद इन्हीं नवरात्रों से थी उम्मीद


ईटीवी भारत की टीम जब कालकाजी मंदिर में पहुंची, तो यहां पर मौजूद दुकानदारों से बात करने की कोशिश की. मार्केट एसोसिएशन के प्रधान और दुकानदार जयप्रकाश ने कहा कि कोरोना के चलते 3 महीने तक लगे लॉकडाउन के कारण मार्केट पहले से ही बंद थी. जिसके कारण दुकानदारों के भूखे मरने तक की नौबत आ गई थी और जब चैत्र नवरात्रे आए थे वह लॉकडाउन में गुजर गए थे. ऐसे में जब अब यह नवरात्रे आए हैं तब दोबारा से मंदिर को बंद किया जा रहा है. दुकानदारों कहना है कि 'दुकानें भी बंद रहेंगी तो हम दुकानदार और हमारे परिवार कहां जाएंगे. हमारे पास कोई ओर रोजगार नहीं है सरकार को इस विषय में सोचना चाहिए.'

कर्जा लेकर दुकान पर भर लिया था सामान


अन्य दुकानदार पवन अग्रवाल ने कहा कि 'यदि कोरोना को देखते हुए मंदिर बंद किया जा रहा है, क्योंकि भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में पहुंचेगी. लेकिन दुकानें क्यों बंद की जा रही हैं?' उनका कहना है कि दुकानदारों ने कर्जा लेकर नवरात्रों के लिए अपनी दुकानों पर सामान रखा है. अब यदि वह सामान ही नहीं बिकेगा. तो वह कर्जा कहां से चुकाएंगे.' उन्होंने कहा कि 'सभी सावधानियों के साथ हम अपनी दुकान खोल रहे हैं, सोशल डिस्टेंस और सैनिटाइजेशन, मास्क पहनना जैसी जरूरी गाइडलाइन को भी फॉलो किया जा रही है.'

सेवादारों की नियुक्ति क्यों की जाती है


इसके अलावा प्रसाद की दुकान लगाने वाले चंद्रशेखर ने कहा कि 'सिर्फ कालकाजी मंदिर को ही क्यों बंद किया जा रहा है. यहां पर हजारों सेवादार हैं, मंदिर प्रशासन की तरफ से उन सेवादारों के प्रति ढाई सौ रुपये लेकर नियुक्ति की जाती है. उन सेवादारों को सोशल डिस्टेंस समेत सभी नियमों का पालन करवाने के लिए रखा जाता है, तो फिर क्यों अब मंदिर बंद किया जा रहा है. इसका अर्थ यही है कि प्रशासन काम करने से बचना चाहता है.'

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