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मातृभाषा को लेकर जागरूकता जरूरी : के श्रीनिवास राव

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Published : Sep 14, 2021, 10:00 PM IST

पुस्तक प्रदर्शनी में खासतौर पर छूट भी दी जा रही है

राजधानी में हिंदी दिवस के मौके पर साहित्य अकादमी की ओर से हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी और हिंदी सप्ताह का आयोजन किया गया है. इसको लेकर अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने बताया यह प्रदर्शनी 14 सितंबर से 21 सितंबर तक चलेगी. सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक पुस्तक प्रेमी आ सकते हैं. पुस्तक प्रदर्शनी में खासतौर पर छूट भी दी जा रही है.

नई दिल्ली : हिन्दी दिवस के अवसर पर साहित्य अकादमी के सचिवके श्रीनिवास राव ने बताया कि हर साल साहित्य अकादमी की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है. ऐसे में हिंदी दिवस के मौके पर करीब एक हजार टाइटल की किताबें इस प्रदर्शनी में लगाए गई हैं. साथ ही इस प्रदर्शनी में हिंदी में अनुवाद किए गए साहित्य की किताबें भी मौजूद हैं. साहित्य अकादमी के सचिव ने बताया कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और यह कैसी भाषा है, जो कि पूरे देश को जोड़े रखती हैं, क्योंकि भारत एक बहुभाषी देश है और हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो कि अन्य भाषाओं को भी जोड़ती है. उन सभी भाषाओं का अनुवाद हिंदी में आसानी से हो पाता है. लोग आसानी से इस भाषा में एक दूसरे से बात कर पाते हैं.


निवास राव ने बताया कि देश में 2 भाषाएं जो सबसे ज्यादा प्रचलित है वह है हिंदी और अंग्रेजी. अंग्रेजी में भी भाषाओं का अनुवाद किया जाता है, लेकिन हिंदी भाषा से भारतीयता का एहसास होता है और उससे लोग ज्यादा जुड़ाव महसूस करते है. सच्चे साथी चाइना, जापान और फ्रांस जैसे देशों में अपनी मातृभाषा को ज्यादा से ज्यादा महत्व दिए जाने को लेकर के श्रीनिवास राव ने बताया क्योंकि भारत एक बहुभाषी देश है. हमारे यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं, जिसके लिए ज्यादातर हिंदी, अंग्रेजी 2 भाषाओं का इस्तेमाल किया जाता है.

हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी और हिंदी सप्ताह का आयोजन
हिंदी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने और इसके इस्तेमाल को लेकर सरकार भी काम कर रही है, क्योंकि इंजीनियरिंग मेडिकल आदि क्षेत्र में पाठ्यक्रम अंग्रेजी भाषा में होते हैं. इसीलिए हिंदी को वो स्थान नहीं मिल पाता, लेकिन अब सरकार ने एंट्रेंस टेस्ट अपनी-अपनी भाषाओं में दिये जाने का भी विकल्प उपलब्ध किया है और हो सकता है कि आने वाले समय में इंजीनियरिंग, मेडिकल क्षेत्र के पाठ्यक्रम हिंदी भाषा में भी उपलब्ध हो, जिससे कि प्रशासनिक और शिक्षा कॉर्पोरेट आदि क्षेत्र में हिंदी का विस्तार हो सके.

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