नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएमसी बैंक के खाताधारकों को पांच लाख रुपए तक की निकासी करने की मांग पर सुनवाई टाल दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल के छुट्टी पर होने की वजह से सुनवाई टाली गई. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.
रिजर्व बैंक ने जताई थी आपत्ति
पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीएमसी बैंक को निर्देश दिया था कि वे मेडिकल और एजुकेशनल इमरजेंसी के लिए पैसे निकालने के लिए खाताधारकों के आवेदनों पर नए सिरे से विचार करें. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वे उन खाताधारकों की सूची बैंक को दें, जिन्हें मेडिकल और एजुकेशनल इमरजेंसी के लिए पैसे की जरूरत हो.
सुनवाई के दौरान रिजर्व बैंक ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि उसके दिशा-निर्देश में एजुकेशनल इमरजेंसी का कोई जिक्र नहीं है. 1 दिसंबर 2020 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया था.
कोर्ट ने कहा था कि यह सामान्य याचिका नहीं है. हमें बैंक और निवेशकों दोनों के हितों का ध्यान रखना होगा. कोर्ट ने रिजर्व बैंक को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने आपात स्थिति में पांच लाख रुपये निकालने का मामला पीएमसी बैंक पर ही छोड़ दिया था.
दवा खरीदने में लोगों को हो रही है परेशानी
एक दिसंबर 2020 को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा था कि पांच लाख रुपये तक निकासी के लिए केवल 13 लोगों को योग्य माना गया है. उन्होंने कहा था कि गंभीर बीमारियों को आधार बनाया गया है. तब कोर्ट ने कहा था कि जो गंभीर रुप से बीमार नहीं है वे भी एक लाख रुपये निकाल रहे हैं. तब देव ने कहा था कि हां.
उसके बाद कोर्ट ने पूछा था कि क्या आप ये सीमा पांच लाख रुपये तक करना चाहते हैं. तब देव ने कहा था कि एक दूसरी हाईकोर्ट ने कैंसर जैसी बीमारी वाले निवेशकों को ज्यादा रकम देने का आदेश दिया है. देव ने कहा था कि सवाल ये है कि जिन लोगों के पास धन नहीं है उन्हें दवा खरीदने में भी परेशानी हो रही है.
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