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HC ने बाल अपराध से जुड़े 1108 मामले बंद किए, इन बच्चाें के पुनर्वास कराने का आदेश

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Published : Oct 2, 2021, 9:28 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चों काे राहत दी है, जिनके ऊपर छाेटे-छाेटे आपराधिक मामले चल रहे थे. एक साल से ज्यादा समय से लंबित पड़े 1108 मामलों को बंद कर दिया है. इन बच्चाें का पुनर्वास कराने का आदेश दिया है.

दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग
दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरों पर चल रहे छोटे-मोटे आपराधिक मामलों में 1108 मामलों को बंद कर दिया है. यह मामले एक साल से ज्यादा समय से लंबित पड़े हुए थे. जिन बच्चों पर यह मामले चल रहे थे उन सभी बच्चों के पुनर्वास को लेकर अब दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग काम करेगा.

दिल्ली बाल संरक्षण अधिकार आयोग (DCPCR) के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने ईटीवी भारत को बताया कि 18 साल से कम उम्र के किशोरों और बच्चों पर चल रहे चोरी, बच्चे द्वारा बच्चे को पोर्नोग्राफी दिखाए जाना, डराना, कमेंट बाजी करना,आदि जैसे छोटे-मोटे मामले काे टर्मिनेट कर दिया गया है. ये मामले एक साल से ज्यादा समय से लंबित पड़े हुए थे, जिसके बाद माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने इन मामलों को टर्मिनेट कर दिया है.

DCPCR के अध्यक्ष अनुराग कुंडू

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इन मामलों में बच्चों के पुनर्वास को लेकर दिल्ली बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग काम करेगा. बच्चों शिक्षा बेहतर भविष्य आदि को लेकर आयोग की ओर से हर कदम उठाया जाएगा. DCPCR के अध्यक्ष ने बताया कि इन मामलों में शामिल होने के चलते जिन बच्चों की स्कूली शिक्षा नहीं हो पाई. पढ़ाई बीच में छोड़ने पड़े उन बच्चों का दोबारा से स्कूल में नाम लिखवाने से लेकर उनकी पढ़ाई फिर से शुरू करने को लेकर DCPCR काम करेगा. बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी. यदि बच्चे का परिवार है तो परिवार के साथ मिलकर बच्चे की काउंसलिंग की जाएगी और यदि बच्चा अनाथ है तो डीसीपीसीआर (DCPCR) चाइल्ड केयर होम में बच्चे को रखेगी और जिस भी अपराध के कारण उस पर यह मामला चल रहा था, उसको लेकर उसकी काउंसलिंग की जाएगी और उसे बेहतर इंसान बनाने की पहल की जाएगी.

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अनुराग कुंडू ने बताया कि 1108 मामलों में शामिल बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं जिसमें कुछ बच्चे किशोरावस्था में है तो कुछ बाल अवस्था में. इसके साथ ही अधिकतर बच्चों पर छोटे-मोटे मामले चल रहे थे, जिसके चलते बच्चे अपने घर पर ही रह रहे थे. ऐसे में उन बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी शिक्षा आदि को लेकर काम किया जाएगा. उन्होंने कहा जूविनाइल जस्टिस बोर्ड (Juvenile Justice Board) की ओर से लंबित पड़े इन मामलों को अब टर्मिनेट कर दिया गया है.

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