दिल्ली

delhi

द्वारका के इस्कॉन में मनाया गया गुंडिचा मार्जन उत्सव

By

Published : Jun 30, 2022, 5:57 PM IST

जब भगवान जगन्नाथ अपना अनवसर काल समाप्त करके भक्तों को दर्शन देने के लिए तैयार होते हैं. तब उनके स्वागत के लिए भक्तजनों द्वारा मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई की जाती है. इसे ही गुंडिचा मार्जन कहा जाता है.

delhi update news
गुंडिचा मार्जन उत्सव

नई दिल्ली : दिल्ली के द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव से पहले गुंडिचा मार्जन उत्सव मनाया गया, जिसमें इस्कॉन द्वारका के भक्तजनों ने मंदिर की धुलाई और सफाई से इस उत्सव की शुरुआत की. इस्कॉन मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस उत्सव का उद्देश्य यह है कि किस प्रकार मनुष्य को शुद्ध तथा शांत हृदय में भगवान कृष्ण का स्वागत करना चाहिए. यदि कोई चाहता है कि भगवान उसके हृदय में विराजमान हों तो सबसे पहले उसे अपने हृदय को निर्मल बनाना चाहिए अर्थात चेतोदर्पण मार्जनम् हो सके. मनुष्य को अपने हृदय को उसी तरह स्वच्छ रखना होगा जिस तरह महाप्रभु ने गुंडिचा मंदिर को स्वच्छ रखा था.

पुजारी का कहना है कि आज से 500 वर्ष पूर्व श्री चैतन्य महाप्रभु ने भी अपने भक्तों और संगियों के साथ जगन्नाथपुरी स्थित गुंडिचा मंदिर को घड़ों पानी से धोया और उसकी अच्छी तरह सफाई की थी. महाप्रभु ने मंदिर के भीतर की हर चीज को यहां तक कि छत, दीवारों व फर्श को भी बहुत अच्छी तरह से साफ किया था. उन्होंने अपने सैकड़ों भक्तों के साथ मंदिर की चारों ओर सफाई कर उसे अपने हृदय के समान शीतल तथा उज्ज्वल बना दिया.

इस्कॉन में गुंडिचा मार्जन उत्सव
माना जाता है कि मंदिर के सारे कमरों की सफाई के बाद भक्तों के मन भी कमरों की तरह निर्मल हो गए. स्वच्छ हो जाने के बाद मंदिर भी शुद्ध, शीतल तथा मनभावन हो गया. गुंडिचा मार्जन सुबह आठ बजे से शुरू हुआ. इसके व्याख्यान के बाद प्रसाद वितरण किया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details