नई दिल्ली: इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT दिल्ली ) में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें टेक्नोलॉजी के जरिए होने वाले फ्रॉड पर बुद्धिजीवियों ने छात्रों के साथ चर्चा की. इस दौरान प्रोडक्ट रिव्यूज, पत्रकारिता, फाइनेंस और सोशल साइट के जरिए होने वाले फ्रॉड पर लोगों ने अपने विचार रखे.
'टेक्नोलॉजी के नुकसान भी हैं'
सारा मसूद ने कहा कि आज के जमाने में यह वर्कशॉप बहुत जरूरी थी, क्योंकि एक तरफ से फेक न्यूज़ का दौर बढ़ता जा रहा है और इसको खत्म करने के लिए कोई जरिया नहीं है, खबर की सत्यता की पड़ताल के लिए हमें न्यूज़ के पहलू पर अपने आसपास लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए, तभी उसे शेयर करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लोग सोशल साइट से जुड़ते जा रहे हैं वैसे वैसे टेक्नोलॉजी के जरिए फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इसके लिए यह भी नहीं है कि हम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करना बंद कर दें, बल्कि ठीक से इस्तेमाल करें क्योंकि इसके नुकसान भी हैं.
'फेक न्यूज़ को खत्म नहीं किया जा सकता'
वहीं अनुश्रे बिश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल इस कदर बढ़ गया है कि फेक न्यूज़ को खत्म नहीं किया जा सकता है. क्योंकि लोग बगैर सोचे समझे एक दूसरे को जानकारियां शेयर कर देते हैं. ऐसे में फेक न्यूज को खत्म करना संभव नहीं है.
सारा मसूद ने कहा कि आज के जमाने में यह वर्कशॉप बहुत जरूरी थी, क्योंकि एक तरफ से फेक न्यूज़ का दौड़ बढ़ता जा रहा है और इसको खत्म करने के लिए कोई जरिया नहीं है, खबर जांचने के लिए हमें न्यूज़ के पहलू पर अपने आसपास लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए, तभी उसको शेयर करना चाहिए, उन्होंने कहा कि जैसे जैसे लोग सोशल साइट से जुड़ते जा रहे हैं वैसे वैसे टेक्नोलॉजी के जरिए फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं, और इसके लिए यह भी नहीं है कि हम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करना बंद कर दें, क्योंकि जहां इसके बेशुमार फायदे हैं वहीं उसके नुकसान भी हैं, इसीलिए टेक्नॉलॉजी को सही से उपयोग करें.
फेक न्यूज़ को खत्म नहीं किया जा सकता
अनुश्रे बिश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया इस कदर बढ़ गया है कि फेक न्यूज़ को खत्म नहीं किया जा सकता है क्योंकि लोग बगैर सोचे समझे यह खबर एक दूसरे को सेंड कर देते हैं, जबकि फेक न्यूज़ को बंद करना नामुमकिन है, मगर इसके लिए समाज को बेदार करना पड़ेगा.Conclusion:पहली बाइट. अंकुर पांडे
दूसरी बाइट. सारा