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सिंघु बॉर्डर पर सर्दी से बचने के लिए किसान ले रहे शरदाई का सहारा

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Published : Dec 14, 2020, 7:39 PM IST

सिंघु बॉर्डर पर युवा किसान शरदाई बनाकर बांट रहे हैं. युवा किसानों का कहना है कि इसे पीने से ताकत बढ़ती है और सर्दी भी नहीं लगती है.

Farmers are taking recourse to the winter to protect themselves from the winter on the Singhu border
सिंघु बॉर्डर पर सर्दी से बचने के लिए किसान ले रहे शरदाई का सहारा

नई दिल्ली/सोनीपत:कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसान लगातार डटे हैं. किसान यहीं रहते हैं और यहीं पर खाना बनाकर खाते हैं. कई संगठन भी किसानों की मदद के लिए आगे आए हैं. इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर शरदाई भी बनाई जा रही है, ताकि किसानों का स्वास्थ्य ठीक रहे.

सिंघु बॉर्डर पर सर्दी से बचने के लिए किसान ले रहे शरदाई का सहारा

दरअसल, शरदाई सिखों का पेय होता है, जिसे बनाना एक लंबी और मेहनती प्रक्रिया है. शरदाई बनाने के लिए इमामदस्ते में बादाम, इलायची, खरबूजे के बीज, काली मिर्च और चीनी कूटी जाती है. जिसके बाद इसमें दूध मिलाकर पिया जाता है.

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शरदाई बना रहे किसान गगनदीप ने बताया कि बादाम, छोटी इलायची, काली मिर्च और खसखस डालकर इसे रगड़ा जाता है. बाद में इसमें दूध डाल कर पिया जाता है. इसे पीने से ताकत बढ़ती है और सर्दी भी नहीं लगती है. जिस वजह से बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है.

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