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Positive Bharat Podcast: IAS बन पिता के हत्यारों को दिलाई सजा, कहानी किंजल सिंह की

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Published : Sep 21, 2021, 11:06 AM IST

ETV BHARAT POSITIVE PODCAST STORY on ias kinjal singh

आज के पॅाडकास्ट में एक ऐसी कहानी जो सुनने में बेशक किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लग सकती है, लेकिन हकीकत में इसका सरोकार आपके जीवन से है, यह कहानी न केवल आपको जागरूक करेगी, बल्कि अंत तक यह सीख भी देगी कि आखिर शिक्षा और मेहनत से मनुष्य कुछ भी हासिल कर सकता है.

नई दिल्ली: आज के पॅाडकास्ट में हम सुनेंगे दो बहनों की असल जीवन गाथा, जिन्होंने अपने पिता की हत्या का न्याय कुछ इस तरह से लिया, जिससे पूरी दुनिया उन्हें असल जिंदगी की नायिका का दर्जा देने पर मजबूर हो गई, आज के पॅाडकास्ट कहानी सुनेंगे जाबाज़ आईएएस अधिकारी किंजल सिंह (IAS officer Kinjal Singh) और उनकी छोटी बहन IRS प्रांजल सिंह (IRS Pranjal Singh) की.

किंजल का एक छोटा हस्ता खेलता परिवार था, जिसमें उनकी माता-पिता और वह थी, तब उनकी छोटी बहन का जन्म नहीं हुआ था. किंजल के पिता केपी सिंह गोंडा के डीएसपी थे (IAS officer Kinjal Singh Father) और उनकी माता विभा सिंह (vibha singh) बनारस कोषालय में नौकरी किया करती थी (IAS officer Kinjal Singh Mother). सब सही चल रहा था, किंजल रोज ( Kinjal Singh) अपने पिता का आफिस से आने का इंतजार करती और उनके साथ खूब खेला करती, लेकिन साल 1982 में उनके परिवार की इन खुशियों पर बुरा दौर आया. किंजल के पिता आम दिनों की तरह ही अपने काम के लिए निकले, आफिस से सूचना मिली कि पुलिस टीम को एनकाउंटर (IAS officer Kinjal Singh Father Murder) के लिए रवाना होना है.

आईएएस किंजल सिंह की कहानी

किंजल के पिता ने इसकी जानकारी घर पर दी और टीम के साथ निकल पड़े, 6 महीने की किंजल हर आम दिन की तरह अपने पिता के ऑफिस से आने का इंतजार कर रही थी, लेकिन कुछ देर बाद खबर आई, उनके पिता की एनकाउंटर में मौत हो गई (IAS officer Kinjal Singh Father Encounter). यह सुन कर किंजल की मां के पैरों से जमीन खिसक गई. उनकी मां को अपने कानों पर भरोसा नहीं हो रहा था, वह बार-बार यह सुन कर भी इसे मानने को तैयार नहीं थी, किंजल अभी यह सब समझने के लिए बहुत छोटी थी, पर उसकी मां के आंसू देख वो इतना जानती थी कि घर में कुछ बहुत बुरा हुआ है.

किंजल की मां ने कुछ देर बार होश संभाला और इसे मानने से सख्त इनकार किया. किंजल की मां ने इस एनकाउंटर पर शक जाताया और इसके लिए कोर्ट जाने का फैसला किया (IAS officer Kinjal Singh Mother on Encounter). इसके बाद से इस परिवार के संघर्ष का दौर शुरू हुआ.

अपने पति की हत्या में न्याय के लिए किंजल की मां बलिया से दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के चक्कर काटा करती थीं और उनके साथ होती थी छोटी सी किंजल जो समय के साथ यह समझ चुकी थी कि अब उसके जीवन का मुख्य लक्ष्य क्या है.

इसी न्याय संघर्ष के दौर में कई साल बीत गए, सब कुछ जैसा था, वैसा ही चलता रहा, इस दौरान किंजल की छोटी बहन प्रांजल का भी जन्म हुआ, मां दोनों बहनों को पिता के किस्से सुनाया करती थीं और बताती थीं कि किस तरह से उनके पिता की मृत्यु के वक्त वह आईएएस की परीक्षा पास कर चुके थे, उनकी मां ने दोनों के सामने यही लक्ष्य रखा कि वे दोनों भी सिविल सर्विसेस में ही जाएं, मां की यह बातें दोनों के दिमाग में बैठ गईं और दोनों इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अब दोगुनी मेहनत करने लगीं, लेकिन शायद अभी उनके परिवार में मुश्किलों का दौर समाप्त नहीं हुआ था, कुछ समय बाद किंजल की मां को अंतिम चरण का कैंसर होने की खबर आई (IAS officer Kinjal Singh Mother Cancer Suffering). यह सुन किंजल और उनकी बहन प्रांजल अंदर से पूरी तरह टूट चुकी थीं, लेकिन अपनी मां को देखते हुए हिम्मत बनाई रखी. मां के अंतिम दिनों में उनसे वादा किया कि वे अपने पिता को न्याय दिलाकर रहेंगी और जो सपना उनकी मां ने उनके लिए देखा है, उसे पूरा करके रहेंगी. मां को यह सुनकर सुकून मिला औऱ फिर उनकी मृत्यु हो गई.

मां की मृत्यु के 2 दिन बाद ही किंजल अपनी बहन को लेकर अपनी मां का सपना पूरा करने के लिए दिल्ली (IAS officer Kinjal Singh IAS Coaching) रवाना हो गईं और वहां जी-जान लगाकर आईएएस की तैयारी की. फिर आखिरकार साल 2008 में सालों के संघर्ष और मेहनत के परिणाम की घड़ी आई, और इसमें दोनों बहनों ने सफलता हासिल की. किंजल की 25वीं तो वहीं प्रांजल की 252वीं रैंक आयी.

लेकिन अभी भी उनका एक लक्ष्य बाकी था, जो था अपने पिता के हत्यारों को सलाखों के पीछे डलवाना, अपने मां से कहे वचन को निभाना. ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई (IAS officer Kinjal Singh Father Encounter CBI Investigation) को सौंप दी गई. जांच में पता चला कि किंजल के पिता की हत्या में उनके ही महकमे के एक जूनियर अधिकारी का हाथ था, फिर 31 साल की लंबी जद्दोजहद के बाद 5 जून 2013 को लखरऊ में सीबीआई की विषेश अदालत ने अपना फैसला सुनाया. जिसमें किंजल के पिता गोंडा डीएसपी केपी सिंह की हत्या के मामले में 18 पुलिसकर्मी को दोषी (IAS officer Kinjal Singh Father Verdict) ठहराया. आखिरकार इस लंबी लड़ाई के बाद दोनों बहनों पिता के हत्यारों को सजा दिलाई.

आईएएस किंजल सिंह और उनकी बहन प्रांजल सिंह की यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जिनका पूरा जीवन संघर्षो में ही बीता है.

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