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ESDA ने दिवाली पर आतिशबाजी न करने के लिए लोगों को किया जागरूक

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Published : Oct 21, 2019, 9:29 PM IST

एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोशियेशन (ईएसडीए) ने दीपावली पर आतिशबाजी न करने की अपील की.

ESDA aware of not burning firecrackers on Diwali

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सोमवार को एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोशियेशन (ईएसडीए) ने दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी के भयानक परिणामों की बात कही. जिसके साथ ही गाजियाबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण एंव उसके कारण, प्रभाव एंव निवारण पर भी बात रखी.

दिवाली पर पटाखा न जलाने की ESDA की अपील

जरा-सा आनन्द हजारों लोगो की जान का दुश्मन
ईएसडीए के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जितेंद्र नागर ने बताया कि ये बताने का मुख्य उद्देश्य गाजियाबाद के लोगों को इस ज्वलंत समस्या के प्रीति को लोगो को जागरूक करना है. उनसे दीपावली पर आतिशबाजी नही करने की अपील करना है क्योंकि उनका कुछ समय का आनन्द हज़ारों लोगो की जान का दुश्मन बन सकता है. जितेंद्र नागर ने बताया कि हम स्कूलों और कॉलेजों के अध्यापकों, प्रधानाचार्यों और निदेशकों से नम्र अपील करना चाहते हैं कि वो सभी अपने छात्रों को दीवाली पर पटाखे न जलाने के लिए जागरूक करें.

दीपावली पर आतिशबाजी नही करने की अपील
उन्होंने कहा कि एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोशियेशन की अपील है कि जिले में आतिशबाजी न हो और विशेषकर स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को छुट्टी करने से पहले इसके बारे में जागरूक किया जाए. ESDA संस्था के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. शशि नागर ने कहा कि गाजियाबाद में भी दिल्ली की तरह ऑड-एवन लागू होना चाहिए. वो टीम के साथ गावों में किसानों एवं महिलाओं को जागरूकता करेंगे.

Intro:सोमवार को एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोशियेशन (ई. एस. डी. ए.) ने 'गाजियाबाद में बढ़ते वायु प्रदूषण एव उसके कारण, प्रभाव एव निवारण' पर एक प्रेस वार्ता की तथा दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी के भयानक परिणामों पर विशेष उल्लेख किया.Body:

ई. एस. डी. ए. संस्था के राष्ट्रीय महासचिव डॉ जितेंद्र नागर ने बताया कि इस प्रेस वार्ता का मुख्य उद्देश्य ग़ाज़ियाबाद वासियों को इस ज्वलंत समस्या के प्रीति को लोगो को जागरूक एव संवेदनशील बनाना है और उनसे दीपावली पर आतिशबाजी नही करने की अपील करनी है क्योकि उनका कुछ समय का आनन्द हज़ारों लोगो की जान का दुश्मन बन सकता है. वैसे ही आज शहर की हवा बहुत जहरीली हो गयी है ओर स्वास लेने लायक नही बची है जो दीवाली के बाद तो ओर अधिक भायनक हो जाएगी जिनसे बच्चो एव बुजुर्गो को जान का खतरा भी हो सकता है.

जितेंद्र नागर ने बताया हम स्कूलो एव कालीजो के अध्यापकों , प्रधानाचार्यों एव निदेशकों से नम्र अपील करना चाहते कि वो सभी अपने छात्रो को दीपावली की आतिशबाजी से वायु प्रदूषण के रूप हवा के जहरीली होने के बारे में जागरूकता करे तथा उन्हें इस गम्भीर विषय पर संवेदनशील बनाए और छुट्टियों से पहले सभी को शपथ दिलाए की इस बार दीपावली सिर्फ दीप जलाकर मनाए और आतिशबाजी ना करे क्योकि बच्चे ही ज्यादा आतिशबाजी करते है लेकिन स्कूल अध्यापकों की बात भी मानते है.


उन्होंने बताया कि दिल्ली पारिट्कुलेट मेटर PM10 एव PM 2.5 की मात्रा में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है और कभी कभी गाजियाबाद के साहिबाबाद का प्रदूषण दिल्ली से भी अधिक हो जाता है जो बहुत ही भयावह स्तिथि है. जिसका मुख्य कारण यहा के उद्योग धंधे जहरीली हवा तथा दूसरा प्रमुख कारण शहर में लाखो की संख्या में वेहिकल एव गम्भीर ट्रेफिक जाम की स्तिथि है. अब अगर दीपावली में पहले की तरह आतिशबाजी होगी तो शहर में वायु प्रदूषण के साथ स्मॉग भी हो जाएगा जो बहुत खतरनाक है जिससे हज़ारों लोग बीमार होंगे और सैकड़ों की मौत भी हो सकती है.

इसलिए एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोशियेशन की अपील है की जिले में आतिशबाजी नही हो और विशेषकर स्कूलो एव कालीजो के छात्रो को छुट्टी करने से पहले इसके बारे में जागरूक किया जाए एव आतिशबाजी नही करने की शपथ दिलायी जाए क्योकि बच्चे ही सबसे अधिक आतिशबाजी करते है और बात भी सिर्फ अपने अध्यापक मानते है या tv या अखबारो की बात को गंभीरता से लेते है.

Conclusion:ESDA संस्था की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ शशि नागर ने कहा कि गाजियाबाद में भी दिल्ली की तरह आड़ एवन लागू होना चाहिए और वो टीम के साथ गावों में किसानो एव महिलाओ को जागरूकता करेंगे.

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