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राशन वितरण में ड्यूटी दे रहे अंग्रेजी शिक्षक की कोरोना से मौत

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Published : Jun 8, 2020, 11:46 AM IST

सर्वोदय बालिका विद्यालय के शिक्षक की कोरोना से मौत होने पर राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ ने सोशल मीडिया के जरिए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से यह मांग की है कि वह दिवंगत शिक्षक के घर जाकर उनके परिजनों को सहायता स्वरूप 1 करोड़ रुपए का चेक सौंपें.

English teacher giving duty in ration distribution at Sarvodaya Balika Vidyalaya dies from Corona
राशन वितरण में ड्यूटी दे रहे अंग्रेजी शिक्षक की कोरोना से मौत

नई दिल्ली: प्रवासी मजदूरों के राहत शिविर में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों के कोरोना संक्रमित होने के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला कल्याणपुरी क्षेत्र के कल्याणवास स्थित सर्वोदय बालिका विद्यालय का सामने आया है.

सर्वोदय बालिका विद्यालय के अंग्रेजी शिक्षक की कोरोना से मौत

यहां बतौर टीजीटी इंग्लिश सेवाएं दे रहे शिवजी मिश्रा की कोरोना के चलते मौत हो गई. इस घटना के बाद राशन वितरण में लगे अन्य शिक्षकों में भी भय का माहौल है और सभी अपनी कोरोना जांच करवाने की मांग कर रहे हैं.

इसके अलावा शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से दिवंगत शिक्षक के आश्रितों को 1करोड़ रुपए की सहायता राशि मुहैया करवाने की मांग की है.

परिवार के भरण-पोषण का संकट

बता दें कि कल्याणपुरी क्षेत्र के कल्याणवास में स्थित सर्वोदय बालिका विद्यालय के टीजीटी इंग्लिश शिवजी मिश्रा की प्रवासी मजदूर राहत शिविर में राशन वितरण की ड्यूटी लगी थी.

इस दौरान वह कोरोना संक्रमित हो गए और लक्षण सामने आने पर उनका कोरोना टेस्ट करवाया गया, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई, लेकिन कोरोना की इस लड़ाई में वह जिंदगी की जंग हार बैठे.

शिवजी मिश्रा की के निधन के बाद अब उनके परिवार पर आर्थिक संकट आन पड़ा है. बता दें कि उनके परिवार में पत्नी सहित दो बच्चे हैं, जिसमें बड़ा बेटा ग्रेजुएशन सेकंड ईयर में है, जबकि छोटा बेटा अभी 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है. इनकी पत्नी गृहिणी हैं. ऐसे में घर में आमदनी का कोई जरिया नहीं बचा है और अब परिवार सरकार से ही मदद की आस लगा रहा है.

निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

पिता की मृत्यु को लेकर शिक्षक के छोटे बेटे आयुष ने अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया है. आयुष ने बताया कि 3 जून को इनके पिता का कोरोना टेस्ट करवाया गया था और 5 जून को रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी.

इसके बाद उन्होंने अपने पिता को इलाज के लिए मंडावली के अपेक्स हॉस्पिटल में एडमिट करवाया था. आयुष का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के दौरान काफी लापरवाही बरती, जिसके बाद में वह चार-पांच अस्पतालों के चक्कर काटते रह गए, लेकिन कहीं बेड खाली नहीं मिला.

आखिरकार सफदरजंग अस्पताल में उन्हें भर्ती करवाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

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