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बाजारों में दिख रहा पितृपक्ष का असर, ग्राहकों की बाट जोह रहे दुकानदार

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Published : Sep 26, 2021, 7:35 AM IST

बाजारों में दिख रहा पितृपक्ष का असर

20 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है, इसका बुरा असर बाजार पर देखने को मिल रहा है. दरअसल, हिंदू धर्म में मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान कोई नई चीज की खरीदारी नहीं करनी चाहिये. जिसकी वजह से बाजार में ग्राहकों का आना कम हो गया है और दुकानदारों की आमदनी बेहद कम हो गई है.

नई दिल्ली:पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए पितृपक्ष यानि श्राद्ध पक्ष मनाए जाते हैं. 15 दिन लोग अपने पितरों की आत्मा तृप्ति के लिए पिंडदान तर्पण पूजा-पाठ आदि कर्मकांड करते हैं. वहीं दूसरी ओर इन दिनों किसी नई चीज की खरीददारी या कोई शुभ काम नहीं किया जाता है. इसका असर बाजारों पर देखने को मिल रहा है. जहां दुकानदार ग्राहकों की बाट जोहते नजर आ रहे हैं.

दक्षिणी दिल्ली स्थित लाजपत नगर की सेंट्रल मार्केट आम दिनों में काफी भीड़-भाड़ वाला बाजार है. खास तौर पर महिलाएं इस बाजार में खरीदारी के लिए पहुंचती हैं. लेकिन पितृ पक्ष के दौरान यहां एक्का दुक्का ही ग्राहक आ रहे हैं. जिससे बाजार की रंगत गायब है.

बाजारों में दिख रहा पितृपक्ष का असर

जूते-चपल्ल बेचकर अपना गुजारा करने वाले दुकानदार किशन कुमार ने बताया कि बाजार में बिल्कुल भी काम नहीं है. श्राद्ध के दिनों में लोग कोई भी नई चीज नहीं खरीदते हैं इसीलिए इन दिनों में कई बार ऐसा होता है कि दुकानदारों की बोहनी तक नहीं होती है. बाकी दुकानदारों का भी यही कहना है. वह बताते हैं कि जो लोग इन बातों को नहीं मानते हैं या नई सोच वाले हैं, वह जरूर कुछ सामान खरीद लेते हैं वरना श्राद्ध के दिनों में खरीददारी न के बराबर है.

दुकानदारों का कहना है कि कोरोनावायरस के चलते पहले से ही बाजार में दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है और कई बार बारिश और एमसीडी के चालान के चलते भी वो परेशान रहते हैं और अब यह 15 दिन तक श्राद्ध उनके लिये मुश्किल का सबब बना हुआ है. जिसके वजह से धंधा बिल्कुल ही मंदा है. विडंबना यह है कि इसके बाद भी हर एक दुकानदार को किराया और वर्करों को सैलरी जरूर देनी होती है. डेकोरेटिव आइटम की दुकान लगाने वाले दुकानदार ने कहा कि कुछ लोग मार्केट में आते हैं, जो सामान देखते हैं लेकिन इन दिनों खरीदारी बहुत कम करते हैं.

श्राद्ध के दिनों में खरीदारी को लेकर ईटीवी भारत में मार्केट में आए कुछ लोगों से भी बात की, जिसको लेकर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. अधिकतर महिलाओं ने कहा कि उनके परिवार में भी श्राद्ध के दिनों में किसी भी नई चीज की खरीदारी करना अशुभ माना जाता है लेकिन अब जमाना बदल गया है इसीलिए जो जरूरत का सामान होता है, वह उसकी खरीदारी जरूर करते हैं.

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