दिल्ली

delhi

मुंडका अग्निकांड में मृतकों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और श्रम कानून लागू करने की मांग

By

Published : May 14, 2022, 9:45 PM IST

Demand for 50 lakh compensation and implementation of labor law to families of dead in Mundka fire

मुंडका की फैक्ट्री के गोदाम में लगी भीषण आग से 27 लोगों की जान के साथ लाखों के माल का भी नुकसान हुआ है. इस भीषण आग पर काबू पाने में फायर की टीम को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. उनके प्रयासों की वजह से कई लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन वो उन 27 लोगों को नहीं निकाल पाए.

नई दिल्ली :मुंडका की फैक्ट्री के गोदाम में लगी भीषण आग से 27 लोगों की जान के साथ लाखों के माल का भी नुकसान हुआ है. इस भीषण आग पर काबू पाने में फायर की टीम को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी. उनके प्रयासों की वजह से कई लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन वो उन 27 लोगों को नहीं निकाल पाए. जो इस आग में जल कर खाक हो गए. इसके अलावा इस हादसे में 12 लोग भी घायल हो गए.

इस हादसे को लेकर मौके पर पहुंचे मजदूर यूनियन के लोगों ने दिल्ली सरकार के प्रति काफी रोष जाहिर किया. लोगों ने दिल्ली सरकार और केजरीवाल के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाए. इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों के लिए 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है.

मुंडका अग्निकांड में मृतकों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और श्रम कानून लागू करने की मांग
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार श्रम कानून को लागू करने में कोताही बरत रही है. इसे सख्ती से लागू किए जाने की मांग करते हुए उन्होंने बताया कि सीसीटीवी का गोदाम होने के बाद भी इसमें लोग रह रहे थे. हादसे के वक़्त लगभग 250 लोग इस बिल्डिंग के अंदर मौजूद थे.
मुंडका अग्निकांड में मृतकों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और श्रम कानून लागू करने की मांग

इसे भी पढ़ें :तीन साल में कई बड़े अग्निकांड देख चुकी दिल्ली, नहीं लिया कोई सबक
घनी आबादी के बीच और फायर सेफ्टी के नियमों को ताक पर रखकर इंडस्ट्रियल बिल्डिंग और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों की जिंदगियां हमेशा ही दांव पर रहती हैं. इसलिए मजदूरों के हित के लिए श्रम कानून बनाए जाने के साथ फैक्ट्री और गोदाम ऑनरों के लिए आग से सुरक्षा के उपायों और उपकरणों को स्थापित करना आवश्यक करने की जरूरत है. जिससे परिवार का पेट भरने के लिए मजदूरी करने वाले मजदूर ऐसी घटनाओं में अपनी जान गंवाकर अपने परिवार को अनाथ होने से बचा सकें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details