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गुमशुदा बच्चों के अलादीन, ढूंढ़ निकाले घर के खोए हुए चिराग

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Published : Aug 26, 2021, 10:28 PM IST

दिल्ली पुलिस ने गुमशुदा बच्चों को ढूंढा

दिल्ली पुलिस केवल लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन और क्रिमिनल्स को पकड़ने का ही काम नहीं करती, वरन परिवारों के बिछड़े हुए चिरागों को भी मिलाती है. दिल्ली पुलिस की मेट्रो यूनिट अब तक सैकड़ों गुमशुदा बच्चों को परिवार से मिला चुकी है.

नई दिल्लीःदिल्ली के अलग-अलग इलाके से लापता हुए 215 बच्चों को, इस वर्ष मेट्रो पुलिस ने परिवार से मिलवा दिया है. इनमें से 90 फीसदी से ज्यादा बच्चों को परिवार से मिलवाने वाले मेट्रो पुलिस के तीन स्टार पुलिसकर्मी हैं. यह पुलिसकर्मी हैं हेड कांस्टेबल सीमा, सुभाष और मुकेशी. इन तीनों ने दिन-रात कड़ी मेहनत कर, लापता बच्चों को तलाशा और उनके परिवार से मिलवाया. इनके इस प्रयास को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जमकर सराहा जा रहा है.


74 लापता बच्चों को परिवार से मिलवा चुकी हेड कांस्टेबल सीमा ने बताया कि मेट्रो में बच्चों के लापता होने या अपहरण के मामले नहीं होते हैं. वह दिल्ली पुलिस की वेबसाइट से लापता हुए बच्चों की जानकारी जुटाती हैं. इसके बाद बच्चे के परिवार, दोस्त, पड़ोसी आदि से मिलकर सुराग जुटाते हैं. कभी मंदिर-मस्जिद में जाकर बच्चे को तलाशते हैं, तो कभी घर-घर जाकर बच्चे को तलाशने का अभियान चलाते हैं. कई बच्चों को दूसरे राज्य से बरामद कर लाई हैं. अपहरण के मामलों में आरोपी को गिरफ्तार भी किया है. सीमा ने बताया कि बच्चों को उनके परिवार से मिलवाने के बाद जो खुशी मिलती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

दिल्ली पुलिस ने गुमशुदा बच्चों को ढूंढा

64 बच्चों को उनके परिवार से मिलवा चुके हेड कांस्टेबल सुभाष ने बताया कि रोजाना सुबह वह जिपनेट से, उन बच्चों की जानकारी निकालते हैं, जो हाल में लापता हुए हैं. ऐसे बच्चों के परिवार से जाकर वह मिलते हैं. सबसे पहले इस बात का पता लगाने की कोशिश करते हैं कि बच्चा लापता कैसे हुआ. इसके पीछे का कारण क्या है. इसके बाद उसे तलाशने के लिए रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, शेल्टर होम, गुरुद्वारा आदि जगहों पर जाते हैं. कभी CCTV फुटेज खंगालते हैं, तो कभी टेक्निकल सर्विलांस की मदद लेते हैं. इन प्रयासों से उन्हें कामयाबी भी मिल रही है. सुभाष ने बताया कि वह जब बच्चों को परिवार से मिलवाते हैं, तो परिजन भगवान का दर्जा देने लगते हैं. यह पल बेहद भावुक होता है. कई मामलों में डेढ़ से दो साल बाद लापता बच्चों को तलाशा है. ऐसे मामलों में परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है.

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दिल्ली पुलिस के मेट्रो यूनिट के डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि बच्चों को तलाशने के लिए मेट्रो पुलिस ऑपेरशन मिलाप के तहत काम कर रही है. इस वर्ष 215 लापता बच्चों को मेट्रो पुलिस तलाशकर परिवार से मिलवा चुकी है. मेट्रो पुलिस में तैनात सीमा, सुभाष और मुकेशी सबसे ज्यादा बच्चों को तलाशने का काम करते हैं. जितेंद्र मणि ने बताया कि पूर्व पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने 50 लापता बच्चों को तलाशने पर बारी से पहले पदोन्नति का नियम बनाया था. इसके अलावा पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इनाम भी दिया जाता है. उन्होंने बताया कि अगर किसी का खोया हुआ मोबाइल मिल जाये, तो उस शख्स को खुशी होती है. ऐसे में अगर किसी का खोया हुआ बच्चा मिल जाये तो, उसकी खुशी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.

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