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हरिनगर थाने में साइबर फ्रॉड अवेयरनेस प्रोग्राम, बताए ठगी से बचने के उपाय

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Published : May 5, 2022, 6:44 PM IST

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामलों पर अंकुश लगाने के मद्देनजर हरिनगर थाने में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.

बताए ठगी से बचने के उपाय
बताए ठगी से बचने के उपाय

नई दिल्ली :साइबर क्राइम से बचने के लिए हरि नगर थाने में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में आसपास के रहने वाले लोगों को साइबर ठगी से बचने के उपाय बताए. पिछले कुछ समय में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग इसका कब और कैसे शिकार हो जाते उन्हें पता ही नहीं चलता उन्हें पता तब चलता है जब बिना कोई लेन-देन किए उनके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं.

दिल्ली में लगातार बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों के मद्देनजर साइबर थाने की शुरुआत की गई है. इसी कड़ी में वेस्ट जिले के हरि नगर थाने में बीती शाम साइबर क्राइम को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें थाने के एसएचओ और साइबर अपराध से जुड़े एक्सपर्ट के साथ-साथ काफी संख्या में आसपास की कॉलोनी के लोग शामिल हुए.

बताए ठगी से बचने के उपाय

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को साइबर क्राइम एक्सपर्ट ने साइबर अपराध से जुड़ी तमाम जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि लोगों को अपने डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ आधार कार्ड और पैन कार्ड का इस्तेमाल कैसे करना है, साथ ही किन-किन परिस्थितियों में लोग ठगी के शिकार हो सकते हैं, साथ ही अपराध के प्रति जागरूकता को लेकर भी चर्चाएं हुई.

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि आजकल लोग किसी के भी मांगने पर आधार कार्ड और पैन कार्ड बड़े आराम से उपलब्ध करा देते हैं. वह सही कदम नहीं है क्योंकि कहीं न कहीं इसकी वजह से इस कार्ड से जुड़े जितने भी डाटा है वह सब दूसरे तक पहुंच जाते हैं और उसका गलत इस्तेमाल कब कैसे और कहां करता है. इस बात की जानकारी उस कार्ड धारक को पता भी नहीं चलती. इसलिए इन कार्ड के इस्तेमाल में बेहद ही सावधानी बरतने की जरूरत है.

वहीं इस जागरूकता कार्यक्रम में वहां मौजूद लोगों से थाने के एसएचओ और साइबर एक्सपर्ट ने सवाल भी किए, जिनका जवाब दिया गया. हरि नगर थाने के एसएचओ जीत सिंह के अनुसार ऐसे अवेयरनेस कार्यक्रम के समय-समय पर आयोजित करने की जरूरत है, ताकि लोग अधिक से अधिक जागरूक हो सके और तभी इससे साइबर क्राइम की रफ्तार पर रोक लग सकती है.

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