नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली हिंसा के UAPA मामले के आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल के डाटा सह-आरोपियों को नहीं दिए जा सकते हैं क्योंकि इनमें कुछ पोर्न चीजें भी हैं. ये आरोपियों की निजता का उल्लंघन होगा. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने इस मामले पर अगली सुनवाई 23 नवंबर को करने का आदेश दिया.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये टिप्पणी आरोपियों की उन याचिकाओं पर की, जिसमें आरोपियों ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की प्रति देने की मांग की है. कोर्ट ने कहा कि कुछ आरोपियों के निजी डाटा पर अभियोजन पक्ष ने सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने उसे कुछ फोटोग्राफ और वीडियो दिखाए हैं जो आरोपियों के मोबाइल फोन के थे.
उन फोटो और वीडियो को देखने के बाद कोर्ट ने पाया कि ये किसी को नहीं दिए जा सकते हैं. इससे उनकी निजता का हनन होगा. कोर्ट ने साफ किया कि सभी फोटो और वीडियो पोर्न नहीं हैं कुछ आरोपियों के व्यक्तिगत फोटो भी हैं.
10 सितंबर को सुनवाई के दौरान आरोपियों नताशा नरवाल और देवांगन कलीता की ओर से वकील अदीत एस पुजारी ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की प्रति देने की मांग वाली याचिका पर अभी तक दिल्ली पुलिस ने जवाब भी नहीं दिया है, जबकि ये आवेदन अप्रैल में ही दाखिल किया गया था. तब दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा था कि दस्तावेज काफी ज्यादा हैं. उसमें कई सारे डाटा निजी सूचनाएं हैं. अगर निजी सूचनाओं को अलग किए बिना ही सौंपा गया तो ये निजता का उल्लंघन होगा. बिना उनकी पड़ताल किए जवाब दाखिल नहीं किया जा सकता है.
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सुनवाई के दौरान वकील तुषारिका मट्टू ने कहा था कि कम से कम दिल्ली पुलिस उन दस्तावेजों की सूची तो दे सकती है जिन पर वो भरोसा कर रहे हैं. इसका जवाब देते हुए अमित प्रसाद ने कहा था कि वे प्रारंभिक जवाब दाखिल कर सकते हैं, लेकिन बिंदुवार जवाब अभी संभव नहीं है.
वकील सौजन्य शंकरन ने कहा कि आरोपी के मोबाइल से आपने वाट्सएप चैट को हवाला बनाया है तो उसकी प्रति भी दीजिए. अमित प्रसाद ने कहा था कि जांच के मध्य में दस्तावेज नहीं दिए जा सकते हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी. अमित प्रसाद ने कहा कि इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तिथि तक आप ये बताएं कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट कब तक आएगी नहीं तो हम कुछ आदेश पारित कर सकते हैं.