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जेएनयू : एबीवीपी ने नवनियुक्त कुलपति का किया स्वागत, एनएसयूआई ने कहा समावेशी सोच के लिए खतरा

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Published : Feb 7, 2022, 9:12 PM IST

प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने आज ही कुलपति का पदभार भी संभाल लिया है. उनके कुलपति बनने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्वागत किया है तो इस दौरान कांग्रेस छात्र इकाई एनएसयूआई ने समावेशी सोच के लिए खतरा बताया है.

कुलपति
कुलपति

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुलपति की तलाश खत्म हो गई है. प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को कुलपति नियुक्त किया (Shantisree Dhulipudi Pandit Vice Chancellor of JNU) गया है. इसी के साथ जेएनयू के इतिहास में यह पहली बार है कि कोई महिला कुलपति बनीं हैं. बता दें कि प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने आज ही कुलपति का पदभार भी संभाल लिया है. पदभार संभालते ही प्रोफेसर अजय कुमार दुबे को रेक्टर भी नियुक्त कर दिया है. इस संबंध में ऑर्डर जारी कर दिया गया है.

वहीं उनके कुलपति बनने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्वागत (ABVP welcomes JNU Vice Chancellor) किया है तो इस दौरान कांग्रेस छात्र इकाई एनएसयूआई ने समावेशी सोच (NSUI calls JNU Vice Chancellor a threat to inclusive thinking) के लिए खतरा बताया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई अध्यक्ष शिवम चौरसिया और मंत्री रोहित कुमार ने कुलपति कार्यालय में जाकर स्वागत किया और शुभकामनाएं दी.

एबीवीपी ने नवनियुक्त कुलपति का किया स्वागत

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इस दौरान जेएनयू एबीवीपी इकाई अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने कहा कि जेएनयू के 52 वर्ष के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी महिला को कुलपति बनाया गया है. उन्होंने कहा कि यह महिला सशक्तीकरण को एक नया आयाम देगा. साथ ही कहा कि आशा है कि इन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एनएसयूआई इकाई के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित का कुलपति बना जेएनयू की समावेशी सोच के लिए खतरा है. एक तरफ जहां प्रोफेसर अपने सूक्ष्म और कट्टरवादी विचारों से देश के सम्मान को चोट पहुंचाती आई हैं. उन्होंने कहा कि अब सभी लोगों को और सचेत होकर कैंपस को बचाने की जरूरत है.

जारी ऑर्डर

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बता दें कि प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित का जन्म रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ है. उन्हें नौ भारतीय भाषाओं का ज्ञान है, जिसमें तेलुगू , तमिल, मराठी, हिंदी, संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और कोंकणी भाषा शामिल है. वहीं प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्रालय को कुलपति का दायित्व सौंपने के लिए आभार व्यक्त किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के सपने को आगे बढ़ाते हुए नई शिक्षा नीति 2020 को आगे बढ़ने की दिशा में काम करेंगी.

बता दें कि प्रोफेसर अजय कुमार दुबे को नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने रेक्टर नियुक्त किया है. इस संबंध में रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार के द्वारा ऑर्डर जारी कर दिया गया है. जारी किए गए आर्डर में कहा गया है कि वह सेंटर फॉर अफ्रीकन स्टडीज स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज में बतौर प्रोफेसर की ड्यूटी के साथ रेक्टर का अतिरिक्त पदभार भी संभालेंगे.


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