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अल्पकालिक निवेश में भी होता है जोखिम, सावधानी से चुनें अपना विकल्प

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Published : Nov 10, 2022, 1:11 PM IST

अगर आप कम समय में निश्चित राशि प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप शॉट टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, इसका चयन करते समय सावधानी भी बरतने की जरूरत होती है. आर्बिट्रेज फंड, अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, मनी मार्केट फंड जैसे विकल्प मौजूद हैं. आप तीन महीने के निवेश का भी विकल्प चुन सकते हैं. कुछ निवेश ऐसे होते हैं, जो पांच साल तक के लिए भी होते हैं.

short term investment concept photo
अल्पकालिक निवेश कॉन्सेप्ट फोटो

हैदराबाद : बढ़ती ब्याज दरों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को अपने विकल्प चुनने में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है. खासकर, जब वे एक से पांच साल के अल्पकालिक निवेश के लिए जा रहे हों, तो उन्हें सावधानीपूर्वक सही प्रकार की योजनाओं का चयन करना चाहिए. तभी उनकी गाढ़ी कमाई बच सकेगी और वे निश्चित रिटर्न भी प्राप्त कर सकेंगे. निवेश योजनाओं का चयन करने से पहले, प्रत्येक संभावित निवेशक को अपनी समग्र जरूरतों पर विचार करके वित्तीय लक्ष्य तय करने चाहिए. लंबी अवधि की योजनाओं से अच्छा रिटर्न मिलता है. जबकि, अल्पकालिक निवेश हमें जब भी आवश्यकता महसूस होती है, धन निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं. ऐसे में केवल उन्हीं अल्पकालिक निवेशों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है जो सुरक्षित हैं.

'लिक्विड फंड' को अल्पकालिक निवेश के रूप में चुना जा सकता है क्योंकि वे प्रभावी रूप से एक प्रकार के आकस्मिक निधि के रूप में कार्य करते हैं. बैंक खातों में बचत जमा की तुलना में वे थोड़ी बेहतर आय देते हैं. लिक्विड फंड को सुरक्षित निवेश माना जाता है जिसे निवेश की तारीख से कभी भी वापस लिया जा सकता है. उन्हें टैक्स के बाद चार से सात फीसदी ब्याज मिलता है.

लिक्विड फंड की अवधि एक से 90 दिनों तक होती है. सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि लिक्विड फंडों का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) स्थिर रहता है और यह दुर्लभतम परिस्थितियों में ही घटता है. इसकी एक और खासियत यह है कि निवेश इकाइयों को बेचने के दो से तीन दिनों के भीतर हमारे खातों में नकद जमा कर दिया जाता है. फिर, 'अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड' हैं, जिनमें सिर्फ तीन से छह महीने की अवधि के लिए निवेश किया जा सकता है. ये अल्ट्रा शॉर्ट फंड कंपनियों को कर्ज मुहैया कराते हैं. ऐसे कारणों से, लिक्विड फंड की तुलना में इन अल्ट्रा शॉर्ट फंडों में थोड़ा जोखिम कारक होता है. हालांकि, अल्ट्रा शॉर्ट निवेश बैंकों में सावधि जमा की तुलना में बराबर या थोड़ा अधिक रिटर्न देगा.

जो लोग इक्विटी और फ्यूचर्स में निवेश करके थोड़ा अधिक रिटर्न पाने का लक्ष्य रखते हैं, वे आर्बिट्रेज फंड को प्राथमिकता दे सकते हैं. वे लगभग आठ से नौ प्रतिशत वार्षिक आय प्राप्त कर सकते हैं. इक्विटी फंड को नियंत्रित करने वाले समान नियम इन फंडों के माध्यम से किए गए मुनाफे पर लागू होंगे. निवेशक इन आर्बिट्राज फंडों में तीन से पांच साल के लिए अपना पैसा लगा सकते हैं.

निवेशक 'मनी मार्केट फंड' के लिए भी जा सकते हैं, जो उन म्यूचुअल फंडों में से हैं जो सबसे कम जोखिम वाले कारक हैं. ये फंड सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. वे तीन महीने से एक वर्ष की अवधि के लिए निवेश करने के लिए सुलभ हैं. उच्च टैक्स स्लैब वाले लोग इन मनी मार्केट फंडों को सावधि जमा के विकल्प के रूप में चुन सकते हैं.

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