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शेयर होल्डर्स ने दी बायजू की व‍ित्तीय साल 2022 ऑडिटेड वित्तीय को मंजूरी

By PTI

Published : Dec 21, 2023, 1:44 PM IST

Updated : Dec 21, 2023, 3:10 PM IST

भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप में से एक एडटेक प्रमुख बायजू के शेयरधारकों ने अपनी हाई-वोल्टेज एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में वित्तीय वर्ष 2022 के लिए कंपनी की ऑडिटेड फाइनेंशियल स्थिति को मंजूरी दे दी है. पढ़ें पूरी खबर... (Byjus FY22 accounts, high drama at stormy AGM, Byjus Shareholders, Ed tech firm Byjus investors, Byju Raveendran, Founder and CEO of the company)

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एडटेक प्रमुख बायजू

नई दिल्ली : एडटेक प्रमुख बायजू के शेयरधारकों ने अपनी हाई-वोल्टेज एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में वित्तीय वर्ष 2022 के लिए कंपनी की ऑडिटेड फाइनेंशियल स्थिति को मंजूरी दे दी है. एजीएम ने बायजू के वैधानिक लेखा परीक्षक के रूप में बीडीओ इंटरनेशनल की एक सदस्य फर्म एमएसकेए एंड एसोसिएट्स की रीअपॉइंटमेंट पर एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. कंपनी ने एक बयान में कहा कि बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न ने अपनी एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) आयोजित की, इसमें करीब 60 शेयरधारक उपस्थित थे. इसमें वित्त वर्ष 2022 के खातों सहित सभी प्रस्ताव पारित किए गए. बीडीओ को कंपनी के वैधानिक लेखा परीक्षक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया.

शेयरधारकों के सभी सवालों का मिला जवाब
कंपनी के संस्थापक बायजू रवीन्द्रन ने व्यापार की स्थिति और इसकी चुनौतियों के बारे में बताते हुए एजीएम का शुभारंभ किया. इंडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी नितिन गोलानी ने ऑडिट के बारे में जानकारी दी, जबकि सीईओ अर्जुन मोहन ने व्यावसायिक अपडेट और योजनाएं के बारे में जानकारियां दी. ऑडिटर बीडीओ ने बाद में कंपनी की तीन घंटे तक चली इंटरैक्टिव बैठक समाप्त होने से पहले शेयरधारकों के सभी सवालों के जवाब दिए. बता दें, पिछले महीने, एडटेक प्रमुख ने वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने साल भर के विलंबित ऑडिटेड वित्तीय खातों को बंद करने की घोषणा की थी.

बकाया चुकाने के लिए 500-600 करोड़ रुपये की जरूरत
जबकि वित्त वर्ष 2022 में राजस्व बढ़कर 3,569 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2021 में 1,552 करोड़ रुपये था, परिचालन घाटा वित्त वर्ष 2012 में 2,253 करोड़ रुपये से कम होकर वित्त वर्ष 2011 में 2,406 करोड़ रुपये हो गया. सूत्रों के मुताबिक, बायजू को आयकर विभाग और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ-साथ कर्मचारियों और विक्रेताओं का बकाया चुकाने के लिए कम से कम 500-600 करोड़ रुपये की जरूरत है. बीसीसीआई बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में ले गई है.

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Last Updated : Dec 21, 2023, 3:10 PM IST

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