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RBI Repo Rate: लगेगा झटका या मिलेगी राहत, थोड़ी देर में आरबीआई की बैठक में होगा रेपो रेट का एलान

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Published : Apr 3, 2023, 8:30 AM IST

Updated : Apr 6, 2023, 10:07 AM IST

महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में बढ़ोत्तरी कर रहा है. बता दें, रिजर्व बैंक की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक आज समाप्त हो रही है. जिसका गवर्नर शक्तिकांत दास एलान करेंगे.

Etv Bharat RBI Governor Shaktikanta Das
Etv Bharat गवर्नर शक्तिकांत दास

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक जारी है. ऐसा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमसीपी प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि का फैसला कर सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि इसके साथ ही मई, 2022 से शुरू हुआ ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा.

तीन दिन चलेगी बैठक : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक (3-6 अप्रैल) के दौरान विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों पर विचार किया जाएगा. इसके बाद वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की जाएगी. छह सदस्यों वाली समिति ने ब्याज दरों पर क्या फैसला किया है, इस बारे में गवर्नर गुरुवार को बताएंगे.

महंगाई 6 फीसदी से ऊपर है : महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक मई, 2022 से रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है. इसके बावजूद मुद्रास्फीति ज्यादातर समय रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. एमपीसी खुदरा मु्द्रास्फीति में वृद्धि और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा हाल में की गई कार्रवाई पर खासतौर से विचार करेगी. नवंबर और दिसंबर, 2022 में छह प्रतिशत से नीचे रहने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में आरबीआई के संतोषजनक स्तर को पार कर गई. ऐसे में केंद्रीय बैंक की कार्रवाई जरूरी है.

रेपो रेट बढ़ने की उम्मीद : उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फरवरी में 6.44 प्रतिशत थी. विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक गुरुवार को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगा, और शायद इसके साथ ही ब्याज दर में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा. एमपीसी में आरबीआई के तीन अधिकारी और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त तीन बाहरी सदस्य होते हैं. केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रहे.

पढ़ें:Share market : रिजर्व बैंक के ब्याज दर पर निर्णय, वैश्विक रुख से तय होगी शेयर बाजार की चाल
(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 6, 2023, 10:07 AM IST

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