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कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से भारत बना आकर्षक निवेश गंतव्य: सीतारमण

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Published : Sep 23, 2019, 12:37 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 4:32 PM IST

वित्त मंत्री ने कहा कि पहले भारत कई कारणों से निवेश के मामले में पीछे रह जाता था. इनमें सबसे बड़ी वजह थी कंपनियों पर लगने वाले कर की ऊंची दर. वित्त मंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि कॉरपोरेट कर की दरें कम करने के बाद भारत बेहद प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बन गया है.

कॉरपोरेट कर में कटौती से भारत बना आकर्षक निवेश गंतव्य: सीतारमण

नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कॉरपोरेट कर की दरें कम करने के बाद भारत बेहद प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बन गया है. इस कटौती के बाद देश में कर की दरें चीन और अधिकांश दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की तुलना में नीचे आ गई हैं.

उन्होंने कहा कि इससे पहले भारत कई कारणों से निवेश के मामले में पीछे रह जाता था. इनमें सबसे बड़ी वजह थी कंपनियों पर लगने वाले कर की ऊंची दर. उन्होंने कहा कि इसे कम करने से देश में उद्योग लगाना विदेशी निवेशकों के लिये आकर्षक बन गया है जिनमें आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल भी शामिल है.

उन्होंने कहा, "निवेश गंतव्य के तौर पर भारत को जिन वजहों से खारिज किया जाता था, अब वह अन्य की तुलना में बेहतर है. कोई ऐसा निवेशक जो नया निवेश करना चाहता हो, कोई भी देश 15 प्रतिशत की दर से कर की पेशकश नहीं कर रहा है. हम 15 प्रतिशत की दर की पेशकश कर रहे हैं और इसके साथ न्यूनतम वैकल्पिक कर भी नहीं है तथा कराधान की संरचना सामान्य है."

सीतारमण ने विशेषज्ञों के हवाला देते हुये कहा कि भारत अब कर की दर, पारदर्शिता और कर प्रशासन के मामले में चीन से काफी बेहतर है, अत: अब कंपनियां भारत में नयी इकाइयां लगाने पर गौर कर सकती हैं.

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उन्होंने कहा, "एप्पल और उसकी पूरी पारिस्थितिकी का यहां आने से व्यापक असर पड़ेगा. जो कोई भी यहां आएगा उसे अब सीधे तौर पर 15 प्रतिशत की कर दर का फायदा मिलेगा. चीन में एप्पल के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियां वहां के 25 प्रतिशत की तुलना में यहां के 15 प्रतिशत को देखते हुए भारत में इकाई लगाने को अधिक आकर्षक पाएंगे."

सीतारमण ने कहा कि एप्पल अथवा कोई भी विदेशी कंपनी यहां आ सकती है और कारोबार शुरू कर सकती है तथा 15 प्रतिशत की प्रतिस्पर्धी दर का लाभ उठा सकती है. इन कंपनियों को अपनी ऐसी नई इकाई से 31 मार्च 2023 को अथवा इससे पहले उत्पाद शुरू करना होगा.

भारत में पिछले 28 साल में कंपनी कर में यह सबसे बड़ी कटौती की गई है. देश को छह साल की सबसे कम वृद्धि दर और पिछले 45 साल में सबसे ऊंची बेरोजगारी दर से बाहर निकालने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है.
सरकार ने मौजूदा कंपनियों के लिये मूल कारपोरेट कर की दर को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया.

इसके साथ ही एक अक्टूबर 2019 के बाद लगने वाली नई विनिर्माण इकाईयों के लिये कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत पर ला दिया. ऐसी इकाइयों को 31 मार्च 2023 को अथवा इससे पहले उतपादन शुरू करना होगा.
भारत में इससे पहले 1997 में सबसे ऊंचा 38.05 प्रतिशत कर की दर थी.

सीतारमण ने कहा, "जो कोई भी इसमें बदलाव करना चाहेगा, उसे संसद जाना होगा. कर की दरें इस स्तर से बढ़ा पाने के पक्ष में तर्क दे पाना उनके लिये मुश्किल होगा."

व्यक्तिगत आयकर की दर कम करने के बारे में उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कुछ नहीं है और सरकार ने इस बारे में नहीं सोचा है.

कर में छूट से राजकोषीय स्थिति पर पड़ने वाले असर की भरपाई के लिये सरकारी खर्च में कटौती किये जाने की आशंका को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है.

हकीकत यह है कि व्यय सचिव इस मामले में साप्ताहिक आधार पर बैठक कर रहे हैं और बजट की योजना के हिसाब से खर्च के लिये विभिन्न विभागों पर दबाव डाल रहे हैं.

विनिवेश के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार लक्ष्य पाने के रास्ते पर बढ़ रही है.

राजकोषीय घाटा के लक्ष्य में बदलाव के बारे में उन्होंने कहा कि इस बारे में निर्णय अगले बजट के समय लिया जाएगा.

Last Updated : Oct 1, 2019, 4:32 PM IST

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