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बहस के केंद्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंसानों से बेहतर रिजल्ट देगा AI !

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 21, 2023, 4:11 AM IST

Year Ender 2023 on Artificial Intelligence : AI को लेकर प्रतियोगिता इस कदर है कि सभी टेक जाइंट कंपनियां करो या मरो की स्थिति में काम कर रहीं हैं. इस फील्ड के विशेषज्ञों का मानना है कि AI टेक्नोलॉजी मार्केट में पीक पर जाने से पहले, जो कंज्यूमर फ्रेंडली लेटेस्ट प्रोडक्ट नहीं पेश करेगा, वह टिक नहीं पायेगा. बता दें कि आज के समय में हर फील्ड में एआई का उपयोग जारी है. आज के समय में सभी टेक जाइंट कंपनियां AI Chatbot के मार्केट पर नजर रख रहीं हैं. पढ़ें पूरी खबर...ChatGPT, Grok, Microsoft Copilot, Google Bard AI, Bing AI Chat.

Artificial Intelligence
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

हैदराबाद : कुछ समय पहले तक हममें से कई लोग सिर्फ कल्पना करते थे कि हमारे बदले में कोई हमारा काम कर दे. लेकिन आज के समय में यह सपना नहीं हकीकत है. कोई इंसान भले ही हमारे बदले में हमारा काम नहीं कर दे, लेकिन लेटेस्ट तकनीक के माध्यम से यह संभव हो गया है. यह संभव हो पाया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के कारण, जिसे जनसामान्य की भाषा में AI कहा जाता है. एआई की मदद से तैयार चैटबॉट इंसान की काम करता है. अलग-अलग टेक्नोलॉजी कंपनी या ब्रांडों की ओर से अपने-अपने प्लेटफार्म पर अलग-अलग नामों से चैटबॉट लॉन्च किया है. यह अलग बात है कि एआई आधारित चैट का रिजल्ट में उतना परफेक्शन नहीं है. लेकिन जिस तरह से बड़ी-बड़ी कंपनियां इस फील्ड में शोध के पीछे पैसा और इन्फ्रॉस्टक्चर डेडीकेट कर रही हैं, उस पर यह भरोसा किया जा सकता है कि इंसानों से भी बेहतर रिजल्ट दे दे.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास

  1. एआई की उत्पत्ति का इतिहास 1950 के दशक को माना जाता है, जब कंप्यूटर वैज्ञानिक जॉन मैकार्थी (John McCarthy) ने 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (Artificial Intelligence) शब्द का उपयोग किया था. उन्हें फादर ऑफ एआई कहा जाता है.
  2. 1960 के दशक में संज्ञानात्मक क्षमताओं वाला चैटबॉट एलिजा और पहला मोबाइल इंटेलिजेंट रोबोट शेकी आया.
  3. 1970 से 80 के दशक में पहला AI Winter आया, फिर AI Renaissance हुआ.
  4. भाषण और वीडियो प्रसंस्करण (Video Processing) 1990 के दशक में सामने आया .
  5. इसके बाद 2000 के दशक में आईबीएम वॉटसन, व्यक्तिगत सहायक (Personal Assistants), चेहरे की पहचान (Facial Recognition), स्वायत्त वाहन (Autonomous Vehicles) और सामग्री और छवि (Content And Image Creation) निर्माण हुआ.
  6. ओपन एआई की स्थापना 2015 में कई टेक दिग्गजों ने संयुक्त रूप से किया था.
  7. साल 2022 में ओपन एआई चैटबॉट, 2023 में कई गूगल, एक्स सहित कई प्लेटफार्म ने एआई चैटबॉट लॉन्च किया. 2024 में एप्पल अपना एआई चैटबॉट लॉन्च करने की तैयारी में है.
  8. आने वाले समय में टेक्नोलॉजी की दुनिया में एआई सबसे कीमती और शक्तिशाली हथियार हो सकता है. जिस तेजी से इसका प्रसार होगा. उसी तेजी से इसके दुरूपयोग की संभावना है. इसका ताजा उदाहरण डीफ फेक वीडियो है.
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2023 में एआई से प्रभावित उद्योग क्षेत्र

  1. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एआई का काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. बीमारियों की जांच, इलाज, दवा के क्षेत्र में शोध में काफी कारगर रहा. खासकर कैंसर जैसे कई रोगों के इलाज में इसका काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
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  2. वित्त के क्षेत्र में एआई का उपयोह काफी तेज हुआ है. वर्चुअल फाइनेंशियल लॉन्च हुआ जो सटीक व्यापार के क्षेत्र में एल्गोरिदम का उपयोग से कारोबार को आसान बनाया है. यही नहीं इसके मदद से ऑनलाइन घोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए टूल विकसित संभव हो पाया है.
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  3. टेस्ला और वेमो जैसी कंपनियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सेल्फ ड्राइविंग सिस्टम वाली गाड़ियां को लॉन्च किया.
  4. एआई की मदद से ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्मों पर शिक्षा को सुलभ बनाने की दिशा में कई कदम उठाये गये हैं. कई प्लेटफार्मों इसकी मदद से बड़ी संख्या में लोग भाषा सीख रहे हैं. इसके अलावा भी कई क्षेत्रों में एआई काफी कारगर रहा है.

नवंबर 2022 में ओपन चैट जीपीटी का दिया गया था डेमो
ओपन ऐआई की स्थापना 2015 में कई टेक दिग्गजों ने संयुक्त रूप से किया था. इनमें सैम ऑल्टमैन (Sam Altman), ग्रेग ब्रॉकमैन (Greg Brockman), एलोन मस्क (Elon Musk) , इल्या सुतस्केवर (Ilya Sutskever), वोज्शिएक जरेम्बा (Wojciech Zaremba ) और जॉन शुलमैन (John Schulman) शामिल थे. बाद में कुछ लोगों अलग-अलग कारणों से ओपन एआई प्रोजेक्ट से अपने आप को अलग कर लिया. ओपन चैटजीपीटीका डेमो 30 नवंबर 2022 को डेमो जारी किया था. इसके बाद इसका कई एडवांस वर्जन मार्केट में उपलब्ध है.

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Microsoft Copilot हो रहा लोकप्रिय
माइक्रोसॉफ्ट ने फरवरी 2023 में Bing Chat नामक Artificial Intelligence आधारित चैटबॉट लॉन्च किया था. बाद में इसका नाम बदलकर Microsoft Copilot किया गया. यह माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन बिंग के साथ इनबिल्ट है. आज के समय में सैकड़ों मिलियन से ज्यादा इसके यूजर्स हैं.

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X का AI Chatbot Grok जल्द भारतीय भाषाओं में
नबंर 2023 में एलन मस्क ने X AI Chatbot Grok लॉन्च करने के संबंध में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जानकारी शेयर की थी. 8 दिसंबर को एलन मस्क ने आधिकारिक तौर पर ग्रोक एआई (बीटा) वर्जन अमेरिका में लॉन्च कर दिया है. तत्काल यह सेवा Xके प्रीमियम ग्राहकोंऔरसब्सक्राबर्स के लिए उपलब्ध है. Xपर इस पोस्ट मेंएलन मस्क ने कहा था कि पहली प्राथमिकता अंग्रेजी भाषा के यूजर्स के लिए इसका विस्तार किया जा रहा है. Xका दूसरा बड़ा यूजर बेस जापानी भाषा में है. अंग्रेजी के बाद Xजापानी भाषा के यूजर्स के लिए ग्राक उपलब्ध कराने के दिशा में काम करेगा. वहीं 2024 के शुरुआत में शेष अन्य भाषाओं के यूजर्स के लिए ग्रोक की सुविधा उपलब्ध होगी. इस पोस्ट में मस्क ने यूजर्स को संबोधित करते हुए कहा है कि शुरुआत में ग्रोक में कई समस्याएं होंगी. लेकिन हर दिन इसमें तेजी से सुधार किया किया जायेगा. इसे और बेहतर और विश्ननीय बनाने के लिए अपना बहुमूल्य सुझाव हमें दें.

Google Bard कई भाषाओं में कर रहा है काम
11 मई 2023 को गूगल ने आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट को भारत सहित 180 से ज्यादा देशों में लॉन्च किया था. इससे पहले कंपनी की ओर से इसे ब्रिटेन और अमेरिका में जारी किया गया था. इसे यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए कंपनी की ओर से लगातार काम किया जा रहा है. गूगल की ओर से विश्व के ज्यादा से ज्यादा भाषाओं में Google Bard AI सपोर्ट योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है. Bard के बेहतर रिजल्ट के लिए कंपनी की ओर से इसके साथ Google Lens को भी जोड़ा जा रहा है.

2024 में लॉन्च हो सकता है Apple AI Chatbot
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Apple AI Chatbot लॉन्चिंग के लिए कंपनी की ओर से तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. फाइनल टेस्टिंग के बाद यह किसी समय लॉन्च किया जा सकता है. उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर 2023 के लास्ट में या 2024 के शुरुआत में लॉन्च किया जाय. एप्पल OpenAI का ChatGPT, Google का Bard, X का Grok, माइक्रोसाफ्ट का Bing AI ChatBoat, मेटा का Llama 2 जैसे कई प्लेटफार्मों का अध्ययन कर रहा है. उम्मीद की जा रही है कि मार्केट में मौजूद सभी टैक जॉइंट को टक्कर देने के लिए एप्पल जल्द धमाकेदार लॉन्चिंग कर सकता है.

आर्थिक प्रभाव और भविष्यवाणियां
पीडब्ल्यूसी के ग्लोबल एआई स्टडी के डेटा के अनुसार 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2030 तक एआई 15.7 ट्रिलियन डॉलर का अतिरिक्त योगदान दे सकता है. सकल घरेलू उत्पाद लाभ के साथ उत्पादकता में सुधार और उन्नत उत्पादों से इन लाभों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. जीडीपी के तौर पर बात करें तो चीन (26 फीसदी) और उत्तरी अमेरिका (14.5 फीसदी) की हिस्सेदारी हो सकती है.

भारत में खुला देश का पहला AI स्कूल
22 अगस्त 2023 को भारत का पहला AI स्कूल खुला.देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने केरल स्थित शांतिगिरी विद्याभवन, तिरुवनंतपुरम में स्कूल का उद्घाटन किया. इस स्कूल का डिजाइन और मॉड्यूल दुनिया के जाने-माने शैक्षणिक प्लेटफार्म iLearning Engines (ILE) अमेरिका ने वैदिक ई स्कूल के साथ मिलकर तैयार किया है. इस स्कूल का प्रबंधन भारतीय प्रशासनिक सेवा व भारतीय पुलिस सेवा के मुख्य सचिव व डीजीपी रैंक के अधिकारी, वरिष्ठ शिक्षाविद् और कई कुलपति शामिल हैं.

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