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तालिबान की आड़ में भारतीय लिंक और कनेक्शन का पता लगा रहे 'पाकिस्तानी एजेंट'

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Published : Sep 12, 2021, 9:05 AM IST

Updated : Sep 12, 2021, 9:16 AM IST

तालिबान
तालिबान ()

तालिबान लड़ाकों की आड़ में पाकिस्तानी एजेंटों की एक टीम काबुल में भारतीय लिंक और कनेक्शन का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चला रही है. इस संबंध में पढ़े ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट...

नई दिल्ली : पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. दरअसल, तालिबान लड़ाकों की आड़ में पाकिस्तानी एजेंटों की एक टीम काबुल में भारतीय लिंक और कनेक्शन का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चला रही है, उर्दू भाषी 'तालिबान' ने काबुल में भारतीय वाणिज्य दूतावास के ठीक सामने आंतरिक मंत्रालय की प्राचीन इमारत को अपना मेन बेस बनाया हुआ है.

युद्धग्रस्त देश के एक शीर्ष सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया कि तालिबानी लड़ाके पश्तूनी भाषा बोलते है, लेकिन उनके विपरीत यह तालिबान के वेश में उर्दू भाषी लोगों की एक टीम है, जो अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (NDS) की विशाल इमारत में रखे गये कागजातों को तलाश ली. वे भारतीय संबंधों और कनेक्शनों का पता भी लगा रहे हैं.

एनडीएस अफगानिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठान का खुफिया मुख्यालय है. दर्जनों कार्यालय ब्लॉक वाले एनडीएस भवन काबुल में चीनी दूतावास के सामने एक विस्तृत क्षेत्र में स्थित है. उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा होने के कारण केवल इस बात की पुष्टि हुई है कि तालिबान की आड़ में पाकिस्तानी एजेंट काबुल में छापे और तलाशी अभियान चला रहे हैं.

एनडीएस मुख्यालय और एनडीएस का डेटा विश्लेषण केंद्र जो कि मुख्य खुफिया सूचना केंद्र है. एनडीसी के मुख्यालय में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के एक बाद उर्दू भाषा में बातचीत करने वाले पाकिस्तानी एजेंटो ने तोड़-फोड़ की. इसके अलावा उन्होंने वहां पर रखे गए कागजातों को खंगाला गया. इतना ही नहीं उन्होंने कुछ कागजातों का नष्ट भी कर दिया और कुछ कागजातों को पाकिस्तान भेज दिया.

इस टीम ने एनडीएस को अपने कब्जे में ले लिया है और पाकिस्तानी एजेंटों को वर्गीकृत डेटा तक पहुंचने में मदद की है, सूत्र ने यह जानकारी दी. सूत्र ने कहा को सामान्य तालिबान को दस्तावेजों और कार्यालय के कागजात की तलाश में कोई दिलचस्पी नहीं है, यह हक्कानी नेटवर्क से जुड़ा एक छोटा कुलीन समूह है, जो एनडीएस और रॉ के बीच संबंधों के बारे में जानकारी ढूंढता और खोजता है.

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बता दें कि रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) भारत की खुफिया एजेंसी है.

भारतीय कनेक्शन के अलावा, पाकिस्तानी एजेंटो की यह टीम सीआईए के कर्मचारियों, बलूच अलगाववादी लड़ाकों और पंजशीर में अहमद मसूद के प्रतिरोध से जुड़े लोगों की भी तलाश कर रही है. वे उन अफगानों की पहचान करने और उनका पता लगाने का भी प्रयास कर रहे हैं, जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में भारतीय खुफिया सेवाओं में काम किया है या उनकी मदद की है.

सूत्र ने कहा कि शुरुआत में हमें लगा कि वे कुछ आधुनिक अमेरिकी हथियारों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन एनडीएस डेटा सेंटर की टूटी हुई अलमारियों से पता चलता है कि हजारों दस्तावेज और सीडी विमानों से पाकिस्तान ले गए हैं.

Last Updated :Sep 12, 2021, 9:16 AM IST

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