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Rijiju attack on Congress: कानून मंत्री किरण रिजिजू बोले, कांग्रेस को सवाल पूछने का नहीं है कोई अधिकार

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Published : Feb 25, 2023, 3:48 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 5:09 PM IST

Union Law Minister  Kiren Rijiju in Udaipur
Union Law Minister Kiren Rijiju in Udaipur ()

उदयपुर में विकास और कानूनी दृष्टिकोण विषय पर आयोजित दो दिवसीय गोष्ठी में भाग लेने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू पहुंचे. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर निशाना (Union Law Minister Kiren Rijiju in Udaipur) साधा है.

केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू

उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के विवेकानंद सभागार में शनिवार से दो दिवसीय विकास और कानूनी दृष्टिकोण विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में भाग लेने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी बघेल समेत कई न्यायाधीश पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कानून मंत्री किरण रिजीजू ने कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया.

कांग्रेस पार्टी की ओर से लगातार संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने के आरोप केंद्र सरकार पर लगाने पर केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 60 वर्ष तक देश को चलाया है. देश के सारे सिस्टम को ही खत्म करके देश चलाने का काम किया है. कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को कोई अधिकार नहीं है इस तरह के सवाल उठाने और हमें सीख देने की. उन्होंने कहा कि अगर किसी पार्टी ने राज्य या देश नहीं चलाया हो, वह सवाल उठाता है तो एक अलग बात है. लेकिन कांग्रेस पार्टी को अपनी बात करने का कोई अधिकार नहीं है.

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न्यायपालिका में सभी काम डिजिटलाइज हो जाएगा - कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि भारत सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में न्यायपालिका में सभी काम पेपर की बजाए अब डिजिटल की ओर बढ़ रहा है. इसके लिए सरकार ने भी अपने बजट के फेस 3 के लिए काम करना शुरू कर दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की एक कमेटी की ओर से एक प्रपोजल भी आया है. उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन करने का फैसला भारत सरकार का एक तरीके से क्रांतिकारी फैसला साबित होगा. क्योंकि कोरोना के दौरान में सब चीजें बंद होने के बावजूद भी ऑनलाइन तरीके से न्यायालय चलते रहे.

भारत सरकार पुराने कानूनों को हटाने का काम कर रही -कानून मंत्री ने कहा कि देश में कई ऐसे कानून बने हुए थे जिसका कोई उपयोग नहीं था. इसे केंद्र की मोदी सरकार ने लगातार हटाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का एक ही संकल्प है, जिस कानून से देश की आम जनता का भला हो उसे लागू किया जाए. साथ ही इस बजट सत्र में भी कई पुराने कानून को हटाने का प्रस्ताव लाया गया है. कानून मंत्री ने कहा कि कई ऐसे कानून हैं जिसकी कोई उपयोगिता नहीं है, इसके बाद भी हमारे संविधान और देश में जुड़े हुए हैं.

उदयपुर हाईकोर्ट बेंच पर ये बोले कानून मंत्री - उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच खोलने की मांग को लेकर कानून मंत्री ने कहा कि यह एक प्रक्रिया का पार्ट है. जहां हाईकोर्ट बेंच की मांग होती है, उस पर चर्चा करने के साथ ही राज्यसरकार और हाईकोर्ट के बीच तालमेल का समन्वय करना होगा. एक प्रक्रिया के तहत गुजरने के बाद ही हाई कोर्ट बेंच का गठन किया जा सकता है. वहीं, कानून मंत्री ने आगे कहा कि आज इस नए तकनीकी दौर में वर्चुअल कोर्ट का जमाना आ गया है. हमें हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए एक शहर से दूसरे शहर तक महंगा इंधन खर्च करके जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि ईकोर्ट फेस थ्री में यह सब कुछ संभव होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम भारतीय न्याय व्यवस्था को पेपरलेस और वर्चुअल बनाने जा रहे हैं.

अप्रासंगिक कानूनों को हटाया -उन्होंने कहा कि आज देश में न्यायालय में लंबित केसों की लंबी फेहरिस्त है. केस पेंडिंग होना और न्याय में विलंब होना देश और समाज को शोभा नहीं देता है. सरकार चाहती है कि न्याय प्रक्रिया में तेजी आई. वहीं, उन्होंने कहा कि आज न्यायाधीशों पर काम का अत्यधिक दबाव है. हम उसे भी कम करना चाहते हैं. इसलिए केंद्र सरकार डायनामिक लीगल सिस्टम विकसित करना चाहती है. रिजिजू ने कहा कि पिछले 8 सालों में सरकार ने 1486ऐसे कानून हटाए हैं, जिनकी आज कोई प्रासंगिकता नहीं थी और 67 ऐसे कानूनों को हटाने की प्रक्रिया जारी है, जो किसी भी परिपेक्ष में काम के नहीं है.

जमकर की पीएम मोदी की तारीफ -उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है. भारत यदि कामयाब है तो विश्व कामयाब होगा. अब वैश्विक मंच पर पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंचों पर क्लाइमेट जस्टिस शब्द दिया है. जिसको प्रभावी बनाने की दिशा में सब मिलकर चिंतन कर रहे हैं. यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें. पश्चिमी देशों की तरह हमें भी सुविधाजनक तरीके से जीने का हक है, लेकिन हम अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते हैं. हमें वह समझना होगा तभी हम बेहतर ढंग से आगे बढ़ पाएंगे.

Last Updated :Feb 25, 2023, 5:09 PM IST

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