लंदन :बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. देश के नाम संबोधन में उन्होंने घोषणा की. जॉनसन ने कहा कि उनकी कंजरवेटिव पार्टी एक नए नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी. जॉनसन ने कहा, 'मुझे अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है. नए नेता के चुने जाने तक वह पद पर रहेंगे.' साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पद को छोड़ कर वह उदास हैं. वह नए नेता को यथासंभव समर्थन देंगे. जॉनसन (58) ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, अफसोस है कि कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. उन्होंने कहा कि देश की मजबूती के लिए काम किया. मैंने देश को आगे ले जाने का काम किया. बोरिस जॉनसन के कहा कि कोविड के दौरान लोगों को राहत पहुंचाई. उन्होंने 'मिले विशेषाधिकार के लिए' ब्रिटिश जनता को धन्यवाद दिया.
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने अन्य नेताओं का अनुसरण करते हुए व्यवहार किया. उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट रूप से संसदीय कंजर्वेटिव पार्टी की इच्छा है कि पार्टी का एक नया नेता हो और इसलिए एक नया प्रधानमंत्री होगा.' जॉनसन ने कहा कि वह पार्टी सांसदों के इस विचार से सहमत हैं कि नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अभी शुरू होनी चाहिए और अगले सप्ताह इसके लिए समय सारिणी की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा, '... मैंने काम करने के लिए आज एक कैबिनेट नियुक्त किया है क्योंकि अगले नेता के कार्यभार संभालने तक मैं काम करता रहूंगा.'
निवर्तमान प्रधानमंत्री ने दोहराया कि उन्हें 2019 के आम चुनाव में 'अविश्वसनीय जनादेश' मिला था और यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने उस जनादेश का सम्मान करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इतनी मेहनत की. उन्होंने कहा, 'मैंने महसूस किया कि यह मेरा काम, मेरा कर्तव्य, मेरा दायित्व है कि 2019 में हमने जो वादा किया था, उसे पूरा करते रहें.' पिछले कुछ दिनों के नाटकीय घटनाक्रम का जिक्र करते हुए जॉनसन ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगियों को मनाने की कोशिश की थी कि इस तरह के 'विशाल जनादेश' के साथ सरकारों को बदलना 'सनक' होगा. उन्होंने कहा, 'मुझे खेद है कि मैं उन तर्कों में सफल नहीं रहा.'
बता दें कि कंजरवेटिव पार्टी के एक सम्मेलन में नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी होने तक जॉनसन '10 डाउनिंग स्ट्रीट' के प्रभारी बने रहेंगे. पार्टी का सम्मेलन अक्टूबर में होने का कार्यक्रम है. कई दिनों तक चले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद जॉनसन ने यह कदम उठाया गया है. जॉनसन के मंत्रिमंडल के कई सदस्य मंगलवार से इस्तीफा दे चुके हैं. बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत यहां तक बढ़ गई थी कि दो दिन के अंदर 40 से ज्यादा इस्तीफे हो गए थे. उनके खिलाफ 41 मंत्रियों ने बगावत कर दी थी. ये पूरा विवाद क्रिस पिंचर की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. इसी साल फरवरी में जॉनसन ने क्रिस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था.
दूसरी तरफ जॉनसन सरकार में एक के बाद एक कांड सामने आने, देश की आर्थिक हालत बदतर होने और सिलसिलेवार हड़तालों के चलते उनकी कुर्सी संकट में घिर गई थी. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ सकता है.
भारत ने टिप्पणी करने से किया इनकार : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि वह नेतृत्व परिवर्तन पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'ये आंतरिक घटनाक्रम हैं. पीएम मोदी और पीएम बोरिस की घनिष्ठ मित्रता थी .लेकिन एक बड़े परिप्रेक्ष्य में, यूके एक रणनीतिक भागीदार है. हम नेतृत्व परिवर्तन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.'