दिल्ली

delhi

बेटा नहीं होने पर पति ने दिया पत्नी को तीन तलाक, शिकायत की जांच में जुटी पुलिस

By

Published : Nov 19, 2021, 12:02 PM IST

दुमका के शिवतल्ला गांव से तीन तलाक का मामला सामने आया है. गांव में रहने वाली महिला हसीना बीवी ने अपने पति पर डेढ़ लाख रुपये और बेटा नहीं होने पर तीन तलाक देने का आरोप लगाया है. महिला की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

दुमका के
दुमका के

दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र शिवतल्ला गांव से तीन तलाक का मामला सामने आया है. खबर के मुताबिक गांव में रहने वाली हसीना बीवी ने अपने पति सलीम अंसारी पर बेटा नहीं होने और डेढ़ लाख रुपये की मांग को लेकर तीन तलाक देने का आरोप लगाया है. पीड़ित महिला हसीना की शिकायत पर पुलिस ने तीन तलाक अधिनियम के तहत सलीम अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें- गोड्डा के लड़के को मुंबई में हुआ प्यार, कोर्ट में निकाह और फिर फोन पर तलाक, देवर संग हलाला फिर पति का शादी से इनकार

क्या है पूरा मामला

शिकारीपाड़ा थाना में हसीना बीवी के दिए आवदेन के मुताबिक उसकी शादी काठीकुंड थाना क्षेत्र के बिछया पहाड़ी गांव निवासी सलीम अंसारी के साथ 2011 में मुस्लिम रीति रिवाज के साथ हुई थी. कुछ साल बाद तीन लड़कियों के होने के बाद पति उसे प्रताड़ित करने लगा और कहने लगा कि तुम केवल लड़की पैदा करती कर रही हो. उसने हसीना पर पिता से डेढ़ लाख रुपये मांग कर लाने का दबाव भी बनाया और कहा कि पैसे नहीं मिले तो तुम्हे अपने साथ नहीं रखूंगा. इसको लेकर कई बार पंचायती भी हुई लेकिन सलीम अंसारी नहीं माना और उसे तीन तलाक दे दिया.

ये भी पढ़ें- बिहार में जज के चैंबर में घुसकर थानेदार और दरोगा ने किया जानलेवा हमला

तीन तलाक अधिनियम के तहत केस दर्ज

हसीना की शिकायत के बाद पुलिस ने दहेज उत्पीड़न और तीन तलाक अधिनियम के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत पर जांच की जा रही है जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

क्या है तीन तलाक अधिनियम

तीन तलाक अधिनियम के तहत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध माना गया है जिसके तहत पुलिस बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. इसके तहत तीन साल की सजा का प्रावधान है. आरोपी को मजिस्ट्रेट पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद जमानत दे सकता है. साथ ही पीड़िता पति से गुजारे भत्ते का दावा कर सकती है जिसकी रकम मजिस्ट्रेट तय करेंगे. पीड़ित नाबालिग बच्चे को अपने साथ रख सकती है इसका भी फैसला मजिस्ट्रेट तय करेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details