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TRIFED का पूर्ति एग्रोटेक, बिगबास्केट से करार, आदिवासी समाज का होगा विकास

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Published : Sep 20, 2021, 11:34 PM IST

अर्जुन मुंडा

केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने सरकार का लक्ष्य आदिवासी उत्पादों को बड़ा बाजार, उत्पादों का उचित मूल्य और आदिवासियों की आय में वृद्धि कराना है. जनजातीय समुदाय के विकास को तेजी से आगे बढ़ाना है. उसी को ध्यान में रखकर यह करार किया गया है.

नई दिल्ली : TRIFED ने झारखंड की कंपनी पूर्ति एग्रोटेक और बिगबास्केट (BigBasket) के साथ आज एक करार किया. इस करार के तहत आदिवासी समाज का सशक्तिकरण होगा तथा उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद मिलेगी. यह जानकारी केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने दी. बता दें कि TRIFED आदिवासी कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है.

मंत्री ने बताया कि पूर्ति एग्रोटेक के साथ इस करार को करने का उद्देश्य मोती (pearl) की खेती में जनजातीय समुदाय की उद्यमिता का विकास करना है. इसके साथ ही आदिवासी युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग मिलेगा. उन्होंने कहा कि बिगबास्केट एक ई-किराना प्लेटफार्म है, जहां आदिवासी उत्पादों की बिक्री के साथ उनका प्रचार भी काम करेगा. बिगबास्केट पर आदिवासी द्वारा बनाए गए उत्पाद बिकेंगे तथा उनकी होम डिलीवरी की भी व्यवस्था रहेगी.

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उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य आदिवासी उत्पादों को बड़ा बाजार, उत्पादों का उचित मूल्य और आदिवासियों की आय में वृद्धि कराना है. जनजातीय समुदाय के विकास को तेजी से आगे बढ़ाना है. उसी को ध्यान में रखकर यह करार किया गया है.

उन्होंने कहा कि TRIFED और आदिवासी कल्याण मंत्रालय आदिवासी उत्पादों की दुनिया और देश में पहुंच बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि देश सहित पूरी दुनिया में आदिवासियों की कला, कारीगरी और विशिष्टता कायम हो.

बता दें कि हतकरघा से तैयार वस्त्र, जनजातीय आभूषण जैसे डोकरा, बंजारा, बर्तन, नेचुरल कलेक्शन में तेलंगाना की काफी, उत्तराखंड के साबुन, कर्नाटक के मसाले, लाल, काला चावल, मणिपुर की काली हल्दी आदि और साड़ियों की बात करें तो पश्चिम बंगाल की कांथा, लेनिन, ओडिशा की बोमकाई, मध्यप्रदेश की माहेश्वरी की ऑनलाइन मार्केटिंग हो रही है.

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