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भारत में पढ़ रहे 11 हजार अफगानी छात्र-छात्राएं भविष्य को लेकर चिंतित

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Published : Aug 17, 2021, 3:55 PM IST

अफगानी छात्र भविष्य को लेकर चिंतित
अफगानी छात्र भविष्य को लेकर चिंतित

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां के हालात बदतर होते जा रहे हैं वहीं, अन्य देशों में रह रहे अफगान छात्रों के सामने संकट कुछ और ही है. उन छात्रों का अपने परिवार से संपर्क टूट गया है. भारत में करीब 11 हजार अफगान छात्र-छात्राएं हैं. कुछ का वीजा खत्म हो गया है या होने वाला है.

हैदराबाद : अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं. सभी देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने में लगे हैं. भारत ने भी अपने नागरिकों को विशेष विमान लगा रखे हैं. इन सब के बीच भारत में पढ़ रहे 11000 हजार से ज्यादा अफगान छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

भारत भर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में करीब 11,000 से अधिक अफगान छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. 5,000 सिर्फ महाराष्ट्र में हैं, जिनमें से 3000 पुणे और 700 मुंबई में हैं. महाराष्ट्र में करीब 1800 अफगान लड़कियां पढ़ाई कर रही हैं.

अफगानिस्तानी छात्र

अफगान स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ पुणे (ASAP) के अध्यक्ष वली आर. रहमानी ने बताया कि इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (ICCR) के आंकड़ों के मुताबिक, 2,500 से कम छात्र यहां सरकारी छात्रवृत्ति पर हैं, और उन्हें चिंता का कोई कारण नहीं है. हालांकि, रहमानी ने कहा कि स्व-वित्त के माध्यम से यहां रहने वाले बाकी लोग अपने परिवारों के साथ संचार टूटने के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.

रहमानी ने कहा कि अन्य छात्र जिन्होंने पहले ही वर्तमान शैक्षणिक वर्ष (2021-2022) के लिए प्रवेश ले लिया है, उन्हें बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि वे अफगानिस्तान में गंभीर स्थिति को देखते हुए घर से वित्त की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं. रहमानी ने कहा कि 'पिछले कुछ महीनों में 500 से अधिक छात्र छुट्टियों या कोविड महामारी या अन्य कारणों से अफगानिस्तान लौट गए थे. वहां की राजनीतिक स्थिति में बदलाव के साथ, वे अपनी शिक्षा को फिर से शुरू करने के लिए भारत की यात्रा करने में असमर्थ हैं.

500 छात्रों का वीजा समाप्त

पुणे स्थित एनजीओ सरहद (Sarhad) के अध्यक्ष संजय नाहर (Sanjay Nahar) ने कहा, ' उनका व्यावहारिक रूप से परिवारों, रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क कट गया है. रहमानी का कहना है कि यहां रहने वाले 500 छात्रों का भारतीय वीजा समाप्त हो गया है या समाप्त होने के कगार पर है. नाहर ने कहा कि भारत सरकार, अफगान प्राधिकरण और गैर सरकारी संगठन ने यहां और अफगानिस्तान में फंसे छात्रों की मदद के लिए हर संभव प्रयास शुरू किए हैं.

फीस और किराए की चिंता

कई छात्र अपनी फीस या घर से किराए के आधार पर बड़े संकट में हैं. ज्यादातर अपने परिवारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. वह घर लौटने के लिए बेताब हैं. संजय नाहर ने कहा कि एनजीओ उन लोगों के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श की व्यवस्था करेगा, जिन्हें इसकी आवश्यकता होगी. नाहर ने वीज़ा मुद्दों का सामना कर रहे छात्रों के लिए कानूनी मदद का भी आश्वासन दिया.

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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आम तौर पर जब विदेशी छात्रों के वीजा समाप्त हो जाते हैं, तो उन्हें वापस लौटना होता है. हालांकि इस मामले में मानवीय आधार पर उनके वीजा विस्तार के लिए छूट मिल सकती है.

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(आईएएनएस)

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