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अग्निपथ : संसदीय समिति की बैठक में दिखी फूट, मनीष तिवारी ने ज्ञापन पर नहीं किए हस्ताक्षर

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Published : Jul 11, 2022, 10:56 PM IST

संसदीय समिति की बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों में फूट दिखी. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अग्निपथ योजना के खिलाफ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. वह एकमात्र ऐसे सांसद थे जिन्होंने हस्ताक्षर करने से इनकार किया. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट

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मनीष तिवारी ने ज्ञापन पर नहीं किए हस्ताक्षर

नई दिल्ली:संसद के मानसून सत्र से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को रक्षा संबंधी संसदीय परामर्श समिति के सदस्यों को सैन्य भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ योजना' के बारे में प्रस्तुति दी. हालांकि विपक्ष के कुछ सांसदों ने इस योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सौगत रॉय ने रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा सलाहकार समिति की बैठक में भाग लेने के बाद 'ईटीवी भारत' से कहा, ' कांग्रेस के मनीष तिवारी ने अग्निपथ योजना पर हस्ताक्षर करने के लिए विपक्ष के कदम का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया.

मनीष तिवारी G23 नेताओं के सदस्य हैं, जिन्हें कांग्रेस में समग्र परिवर्तन के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने के रूप में चिह्नित किया गया है. विपक्षी दलों ने सोमवार को केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की. उन्होंने सरकार से अग्निपथ को रक्षा स्थायी समिति में भेजने के लिए भी कहा है. रॉय ने कहा, 'हमने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अग्निपथ योजना को वापस लेने और इसे जांच के लिए रक्षा स्थायी समिति के पास भेजने की अपील की है.'

सौगत रॉय ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने योजना को वापस लेने की अपनी मांग के समर्थन में रक्षा मंत्री को एक हस्ताक्षरित ज्ञापन भी सौंपा. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का विरोध किया. सोमवार की बैठक में सौगत रॉय और सुदीप बंदोपाध्याय, राकांपा की सुप्रिया सुले, कांग्रेस से रजनी पटेल, शक्ति सिंह, बीजद के एडी सिंह सहित अन्य शामिल थे. बैठक में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.

रॉय ने कहा, 'रक्षा मंत्रालय ने आज एक प्रस्तुति दी और हमें अग्निपथ योजना के बारे में बताया.' रॉय ने कहा कि अग्निपथ योजना सभी हितधारकों के साथ उचित परामर्श के बिना लागू की गई थी. टीएमसी सांसद ने कहा, 'योजना के खिलाफ चल रहा विरोध सभी संबंधित लोगों के साथ गैर-परामर्श का परिणाम है.'

हाल ही में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या का जिक्र करते हुए रॉय ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अग्निपथ योजना के तहत काम करता है और चार साल बाद नौकरी खो देता है, क्या गारंटी है कि वह देश की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा. रॉय ने कहा '... जापानी पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ जो हुआ वह उदाहरण है.'

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