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रूस को UNHRC से सस्पेंड किया गया, भारत ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा

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Published : Apr 7, 2022, 9:38 PM IST

Updated : Apr 7, 2022, 10:35 PM IST

यूक्रेन के कई इलाकों से सामने आई खौफनाक तस्वीरों ने दुनिया में खलबली मचा दी है. इसको देखते हुए रूस को संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council ) से निलंबित कर दिया गया है. भारत समेत 58 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.

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रूस को UNHRC से सस्पेंड किया गया

नई दिल्ली/संयुक्त राष्ट्र : यूक्रेन पर हमले को लेकर अमेरिका रूस पर बराबर प्रतिबंध लगा रहा है. इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council ) से रूस को निलंबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अमेरिका के प्रस्ताव पर आज मतदान हुआ. रूस को UNHRC से सस्पेंड कर दिया गया है. रूस को बाहर करने के प्रस्ताव के पक्ष में 93 वोट पड़े. भारत समेत 58 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. 24 देशों ने रूस के पक्ष में मतदान किया.

दरअसल यूक्रेन में 410 नागरिकों के शव राजधानी कीव के आसपास के शहरों में पाए गए, जिन्हें हाल के दिनों में रूसी सेना से फिर से कब्जे में लिया गया था. नौ लोगों के एक समूह के शव, सभी असैन्य कपड़ों में, एक ऐसी जगह के चारों ओर बिखरे हुए थे, जिसके बारे में निवासियों ने कहा था कि उस स्थान का इस्तेमाल रूसी सैनिकों ने अपने शिविर के रूप में किया था. ऐसा लग रहा था कि उन्हें काफी नजदीक से गोली मारी गई हो, उनमें से कम से कम दो के हाथ उनकी पीठ के पीछे बंधे हुए थे. कीव के पश्चिम में मोतिज़िन में, एपी पत्रकारों ने चार लोगों के शवों देखे जिन्हें पास से गोली मार दी गई थी और एक गड्ढे में फेंक दिया गया था.

पश्चिमी और यूक्रेनी नेताओं ने पूर्व में रूस पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया है, और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अभियोजकों ने युद्ध को लेकर एक जांच शुरू की है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और कुछ पश्चिमी नेता अब रूस पर नरसंहार का आरोप भी लगा रहे हैं. जंग के बीच जेलेंस्की ने यूएनएससी में रूस के सैनिकों पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बर्बर अत्याचार करने का आरोप लगाया और कहा कि वे इस्लामिक स्टेट समूह जैसे आतंकवादियों से अलग नहीं हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, रूसी सैनिकों ने यूक्रेनी नागरिकों के हाथ-पैर काटे, उनका गला रेता. बच्चों के सामने महिलाओं से दुष्कर्म किया गया, हत्याएं की गईं. उनकी जुबानें खींच ली गईं, क्योंकि आक्रांताओं को वह सुनने को नहीं मिला, जो वे उनसे सुनना चाहते थे.जेलेंस्की ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे भयानक त्रासदी बताया था. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टी एस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti, Ambassador of India to the United Nations) ने भी यूक्रेन पर संरा सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा था कि बूचा में नागरिकों के मारे जाने संबंधी हालिया खबरें काफी परेशान करने वाली हैं.

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Last Updated : Apr 7, 2022, 10:35 PM IST

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