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खुलासा: जहां लोगों का वजन ज्यादा, वहां कोविड-19 मृत्यु दर 10 गुना

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Published : Mar 5, 2021, 9:00 PM IST

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन देशों की बड़ी आबादी मोटापे का शिकार थी, वहां कोविड 19 मृत्युदर ज्यादा रही. यहां तक कि संबंधित देशों की आर्थिक स्थिति और उम्र जैसे पहलुओं पर गौर करने के बावजूद इस निष्कर्ष में कोई फर्क नहीं पड़ा.

covid 19 and obesity
कोविड 19 से मौत का खतरा 10 गुना

हैदराबाद: जिन देशों की आधी से ज्यादा आबादी का वजन ज्यादा है, वहां कोविड 19 से मौत का खतरा 10 गुना तक बढ़ जाता है. वर्ल्ड ओबेसिटी फोरम की तरफ से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. जारी रिपोर्ट के अनुसार यह निष्कर्ष विज्ञानियों ने जॉन हॉपकिंस यूनिर्विसटी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से प्राप्त कोविड-19 मृत्युदर के आंकड़ों के विश्लेषण से निकाला है.

आंकड़ों पर एक नजर

22 लाख लोगों की मौत

विज्ञानियों ने फरवरी 2021 तक हुई 25 लाख मौतों का विश्लेषण किया. जिन-जिन देशों में मौतें हुईं, उन्हें दो वर्गों में बांटा गया था. एक वर्ग जहां आबादी के 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा अधिक वजन (ओवरवेट) का शिकार था, वहीं दूसरा जहां ऐसे लोगों का प्रतिशत आधे से कम था. इस दौरान पाया गया कि 22 लाख मौतें उन देशों में हुईं, जहां की आधी से ज्यादा आबादी मोटापे अथवा अधिक वजन की शिकार थी. उदाहरण के लिए, अमेरिका की तीन चौथाई आबादी ऐसी है जिसका या तो वजन अधिक है अथवा मोटापे की शिकार है.

आंकड़ों पर एक नजर

ऐसे प्रभावित हुई मृत्युदर

वर्ल्ड ओबेसिटी फोरम की रिपोर्ट में बताया गया कि जिन देशों की 40 फीसदी से कम आबादी का वजन अधिक रहा, वहां कोविड-19 मृत्युदर एक लाख पर 10 रही. इसके विपरीत जिनकी 50 फीसदी से अधिक आबादी का वजन अधिक रहा, वहां कोविड-19 मृत्युदर एक लाख पर 100 की रही. यही नहीं उन देशों में वायरल इंफेक्शन, एच1एन1, फ्लू व सांस संबंधी बीमारियों का खतरा भी ज्यादा रहा.

आंकड़ों पर एक नजर

160 से ज्यादा देशों के आंकड़े

अध्ययन के दौरान 160 से ज्यादा देशों से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन देशों की बड़ी आबादी मोटापे का शिकार थी वहां कोविड-19 मृत्युदर ज्यादा रही. यहां तक कि संबंधित देशों की आर्थिक स्थिति और उम्र जैसे पहलुओं पर गौर करने के बावजूद इस निष्कर्ष पर कोई फर्क नहीं पड़ा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने गणना की है कि कोविड-19 की वजह से 2020-2021 में वैश्विक उत्पादन में कम से कम $10 ट्रिलियन के नुकसान हुआ और 2020 से 2025 तक यह $22 ट्रिलियन होगा.

आंकड़ों पर एक नजर

कोविड-19 महामारी में किस हद तक अधिक वजन का योगदान है, इसके दो कारण बताए गए हैं.

फैन एट अल (2020) ने अनुमान लगाया कि 10.5% कोविड-19 पॉजिटिव टेस्ट परिणाम मोटापे के लिए जिम्मेदार थे. 1 मार्च से 14 मई 2020 के बीच की अवधि में रिपोर्ट की गई थी. यह अवधि संभावित रूप से अप्रमाणिक थी क्योंकि कोविड-19 के लिए परीक्षण काफी हद तक अस्पताल में उपस्थित लोगों तक ही सीमित था, पहले बड़े पैमाने पर परीक्षण व्यापक था, इसलिए नमूना बड़े पैमाने पर आबादी का प्रतिनिधि नहीं हो सकता है.

आंकड़ों पर एक नजर

हैमर, किविमकी एट अल (2020) द्वारा एक दूसरा अनुमान, 16 मार्च से 26 अप्रैल 2020 की अवधि में लगभग 400,000 यूके निवासियों के डेटाबेस का उपयोग किया गया. लेखकों ने कोविड-19 के मामलों से जुड़े कारकों का आंकलन किया, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता थी. लेखकों ने पाया कि कोविड-19 अस्पताल में 8.6% अस्पताल अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के लिए जिम्मेदार थे और 29.5% अधिक वजन और मोटापे के कारण जिम्मेदार थे. बड़ी संख्या में अध्ययनों और व्यवस्थित समीक्षाओं में अत्यधिक वजन से जुड़े कोविड 19 से गंभीर लक्षणों का खतरा बढ़ा है.

एक स्वस्थ आहार के दो घटकों (दालों, जड़ वाली सब्जियों) और ऊर्जा घने खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार के तीन घटकों की जांच की गई. सकल आर्थिक घाटे के संदर्भ में आईएमएफ ने अक्टूबर 2020 में अनुमान लगाया कि 2021 के अंत तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 4.7% तक पहुंच जाएंगे, $ 11 ट्रिलियन की कीमत और 5 साल की अवधि 2020-2025 के आधार पर कुल $ 28 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगी. जनवरी 2021 में प्रत्याशित सफल टीकाकरण उपायों (आईएमएफ 2021) के बाद के आंकड़े को 22 ट्रिलियन डॉलर तक संशोधित किया गया था. अधिक वजन और मोटापा कुछ $6 से $7 के लिए जिम्मेदार हो सकता है, ट्रिलियन ने पांच साल की अवधि में 2020-2025 तक वैश्विक उत्पादन खो दिया है.

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