संगरूर (पंजाब): पंजाब जिले के संगरूर के आलमपुर में बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं. हालात कुछ इस तरह के हैं कि गांव के चप्पे-चप्पे पर दिखाई देते बंदर राहगीर के हाथों में थैला देखकर हमला कर देते हैं. वहीं घरों में दाखिल होकर सामान उठाकर ले जाते हैं. ऐसे में घरों से बाहर निकलने से पहले लोग हाथों में डंडा उठाना नहीं भूलते हैं. बंदरों के इस आतंक से सबसे अधिक बच्चे भयभीत हैं. जिसकी वजह से बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं.
हालात को देखते हुए गांव के लोग हाथ में डंडे लेकर अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते हैं और छुट्टी के बाद बच्चों को इसी तरह लेने भी आते हैं. स्कूल के आसपास बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण अध्यापक भी लोगों का सहारा लेकर ही स्कूल में जाते हैं. छात्र कक्षाओं से निकलने से भी डरते हैं. पिछले दो माह में बंदर कई बच्चों को काट चुके हैं. शुक्रवार को भी बंदरों ने स्कूल में अध्यापक पर हमला कर दिया था. इस बारे में बच्चों ने कहा कि जब वे क्लास में होते हैं तो बंदर आ जाते हैं इस वजह से टीचर पढ़ाई छोड़कर बंदरों को भगाने लगते हैं जिससे हमारी पढ़ाई खराब हो जाती है. उन्होंने कहा कि हम अकेले क्लास से बाहर भी नहीं जा सकते, इसलिए हम पंजाब सरकार से मांग करते हैं कि इन बंदरों का कोई हल निकाले.
गांव के सरकारी स्कूल की मुख्यअध्यापिका गीता रानी और अध्यापक वरिंदर पाल ने बताया कि जब भी वे सुबह स्कूल पहुंचते है तो स्कूल के गेट पर बंदरों का समूह दिखाई पड़ता है, जिनके बीच से निकलकर स्कूल में आना मुश्किल है. वे स्कूल के बाहर खड़े होकर छात्रों के साथ आने वाले परिजनों का इंतजार करते हैं क्योंकि उनके पास डंडे होते हैं और वे उनके साथ स्कूल में जाते हैं. स्कूल समय में भी बांदर पेड़ों पर बैठे रहते हैं. जब भी वह कक्षाओं से बाहर निकलते है तो बंदरों के हमले का डर बना रहता है. छात्रा नवजोत कौर और लवप्रीत सिंह का कहना है कि माता-पिता ही डंडे लेकर रोजाना स्कूल छोड़ने आते है. बंदर कई बार बच्चों पर हमला कर जख्मी कर चुके हैं.