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केंद्र सरकार का नया कानून, दिन में सस्ती और रात में महंगी होगी बिजली

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Published : Jun 24, 2023, 7:16 PM IST

Updated : Jun 24, 2023, 7:32 PM IST

केंद्र सरकार के नये कानून से सस्ती बिजली की आस देख रहे उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लगने वाला है. केंद्र के नये कानून के तहत अप्रैल 2025 से दिन और रात की बिजली दरों में परिवर्तन हो जाएगा. ऐसे में दिन और रात में बिजली की दरें अलग-अलग हो जाएंगी.

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लखनऊ : उपभोक्ताओं पर भार डालने के लिए केंद्र सरकार ने बिजली दरों से संबंधित एक नया कानून तैयार किया है, जो एक अप्रैल 2025 से लागू हो सकता है. इस नए नियम के तहत दिन में बिजली के दाम अलग होंगे तो रात में अलग. इसके तह सरकार दिन में सस्ती और रात में महंगी बिजली देने का कानून बना रही है. केंद्र सरकार के इस कानून को लेकर बिजली संगठनों ने नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी है. संगठनों का कहना है कि इस नए कानून से उपभोक्ताओं का नुकसान होगा. केंद्र सरकार अपने फायदे के लिए उपभोक्ताओं पर नए कानून के जरिए भार डालने की तैयारी में है.

केंद्र सरकारी की नीति का होगा विरोध.
केंद्र सरकार ने विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 में संशोधन के माध्यम से बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए हैं. इसमें दिन के समय की टीओडी यानी दिन और समय के टैरिफ की शुरुआत और स्मार्ट मीटरिंग प्रावधान का युक्तिकरण. उत्तर प्रदेश के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही घाटे का सौदा साबित हो सकता है. केंद्र सरकार ने यह कानून बना दिया है कि एक अप्रैल 2025 से सभी आम उपभोक्ताओं के लिए दिन और रात की बिजली दरें अलग हो जाएंगी.
यूपी में बिजली आपूर्ति.

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि शायद केंद्र सरकार को यह नहीं पता कि उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग ने स्मॉल और मीडियम पाॅवर पब्लिक लैंप इलेक्ट्रिक वाईइकिल भारी उद्योग के लिए पहले से ही टीओडी दिन और समय का टैरिफ लागू कर रखा है. घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर यह प्रावधान लागू करने से उनका बहुत बड़ा नुकसान होगा. इसलिए विद्युत नियामक आयोग इसे बहुत पहले ही मना कर चुका है. केंद्र सरकार का नया कानून घरेलू उपभोक्ताओं के लिए उसी प्रकार होगा कि केंद्र दो रुपये का लाभ देकर देकर पांच रुपये वसूलेगी. इस कानून को रोकने के लिए पूरे देश के सभी राज्यों के उपभोक्ता संगठन एक मंच पर आएंगे और केंद्र के सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे, लेकिन किसी भी हालत में इस कानून को लागू नहीं होने देंगे. बहरहाल इस मामले पर केंद्रीय उर्जा सचिव आलोक कुमार ने तर्क दिया है कि यह नेशनल पॉलिसी है.

बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ेगी परेशानी.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष के अनुसार कोई भी पॉलिसी जो उपभोक्ताओं के हित में नहीं है, उसका विरोध होगा. इसलिए इस पर सरकार पुनर्विचार करे. उत्तर प्रदेश में लगभग तीन करोड़ 30 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं. जिमें से लगभग दो करोड़ 85 लाख विद्युत उपभोक्ता घरेलू हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि उसमें से गरीब विद्युत उपभोक्ता जो लाइफलाइन कैटेगरी में आते हैं उनकी भी संख्या लगभग एक करोड़ 30 लाख के बराबर है. केंद्र सरकार को शायद यह नहीं पता है कि उत्तर प्रदेश में रात आठ से 12 बजे तक पीक ऑवर्स होता है. पूरे देश में घरेलू विद्युत उपभोक्ता का जो कुल उपभोग है उसका लगभग 70 प्रतिशत उपभोग रात में होता है. 30 प्रतिशत उपभोग दिन का होता है. जब 70 फीसद उपभोग के समय बिजली महंगी होगी तो घरेलू विद्युत उपभोक्ता को इसका लाभ कैसे मिलेगा.


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Last Updated :Jun 24, 2023, 7:32 PM IST

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