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तीसरी तिमाही में विनिर्माण परिदृश्य सुधरा पर कारोबार की लागत चिंता का विषय : फिक्की

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Published : Jan 30, 2022, 7:53 PM IST

देश के विनिर्माण क्षेत्र के परिदृश्य (Scenario of manufacturing sector of the country) में अक्टूबर-दिसंबर 2021 की तिमाही के दौरान सुधार हुआ है. हालांकि कारोबार की लागत चिंता का विषय (business cost of concern) है और नियुक्ति संभावनाएं कमजोर बनी हुई हैं. उद्योग मंडल फिक्की के एक सर्वे (A survey by industry body FICCI) में यह निष्कर्ष निकाला गया है.

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली : फिक्की के विनिर्माण क्षेत्र पर तिमाही सर्वे (A survey by industry body FICCI) के नतीजे रविवार को जारी किए गए. सर्वे के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां सतत रूप से जारी हैं. इस दौरान क्षमता इस्तेमाल 65 से 70 प्रतिशत के बीच रहा है. सर्वे में कहा गया है कि क्षेत्र में वृद्धि और निवेश के लिए विनिर्माताओं को आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं. आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है.

फिक्की ने कहा कि सर्वे में शामिल 63 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि तीसरी तिमाही में उनका उत्पादन बढ़ा है. सर्वे में शामिल 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2021 की तिमाही में उनके पास इससे पिछली तिमाही जुलाई-सितंबर की तुलना में ऑर्डर बढ़े हैं. सर्वे में कहा गया कि कच्चे माल के ऊंचे दाम, वित्त की ऊंची लागत, मांग को लेकर अनिश्चितता, कार्यशील पूंजी की कमी, लॉजिस्टिक्स की ऊंची लागत, आपूर्ति श्रृंखला की दिक्कतों की वजह से कमजोर घरेलू और वैश्विक मांग कंपनियों की विस्तार योजना को प्रभावित कर रही हैं.

सर्वे में तीसरी तिमाही के दौरान 12 प्रमुख क्षेत्रों के विनिर्माताओं के प्रदर्शन और धारणा का आकलन किया गया है. इनमें वाहन, पूंजीगत सामान, सीमेंट, रसायन, उर्वरक और फार्मास्युटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकस, चिकित्सा उपकरण, धातु और धातु उत्पाद, कागज के उत्पाद और टेक्सटाइल मशीनरी आदि क्षेत्र शामिल हैं.

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सर्वे में बड़ी और लघु, मझोले उपक्रम क्षेत्र की 300 से अधिक विनिर्माण इकाइयों की राय को शामिल किया गया है. इन इकाइयों का सम्मिलित सालाना कारोबार 2.7 लाख करोड़ रुपये है. सर्वे में शामिल आधे लोगों ने कहा कि तीसरी तिमाही में उनका निर्यात बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में नियुक्ति परिदृश्य कमजोर बना हुआ है. करीब 75 प्रतिशत इकाइयों का कहना है कि उनकी अगले तीन माह में अतिरिक्त श्रमबल की नियुक्ति की योजना नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

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