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Al Qaeda in Indian Subcontinent के सदस्य को कोर्ट ने एटीएस रिमांड पर भेजा

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 7:07 AM IST

लखनऊ कोर्ट (Lucknow court) ने अल कायदा इन इंडियन सब कॉन्टीनेंट के सदस्य को एटीएस रिमांड (ATS Remand) पर भेज दिया. उस पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का आरोप है.

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लखनऊ: प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल कायदा इन इण्डियन सब कांटिनेंट, जमातुल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश और अंसारूल बांग्ला टीम के सदस्य मुफक़्किर उर्फ हमीदुल्ला उर्फ़ साजिद अली मियां को सात दिन की एटीएस रिमांड (ATS Remand) पर देने का आदेश लखनऊ कोर्ट (Lucknow court) ने दिया है. यह आदेश विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने दिया है. साजिद अली मियां पर भारत के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने की साजिश करने और देश में शरिया क़ानून लागू करके इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मंशा रखने का आरोप है. एटीएस आरोपी को 14 अक्टूबर की सुबह 10 बजे से 20 अक्टूबर की छह बजे तक हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी.

कोर्ट ने दिया आदेश.

इसके पहले एटीएस की ओर से आरोपी को रिमांड पर दिये जाने की मांग वाली अर्ज़ी देकर सरकारी वकील एमके सिंह ने बताया की आरोपी बांग्लादेश का निवासी है और वह प्रतिबंधित आतंकी संगठनों का सदस्य है. आतंकी संगठनों की विचारधारा को बढ़ाने, संगठन के लिए अन्य सदस्यों को तैयार करने के साथ ही अपने साथियों के साथ मिलकर भारत सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने का प्रयास कर रहा था, जिससे देश की एकता और अखंडता को ख़तरा हो रहा है. आगे कहा कि आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर देश में शरिया क़ानून लागू करके इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता है. कहा गया कि आरोपी को रिमांड पर लेकर उससे देवबंद सहारनपुर में रहने, मीटिंग की जगह और उससे जुड़े लोगो की जानकारी के अलावा उसके साथियों से बरामद जिहादी साहित्य के बारे में विस्तृत पूछताछ करनी है. कोर्ट ने आरोपी को रिमांड पर देने का आदेश देते हुए कहा कि मामला देश की संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़ा है.

महिला की हत्या मामले में उम्रकैद
एक अन्य मामले में महिला की गला घोटकर हत्या करने के आरोपी अशोक जायसवाल को अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा के साथ-साथ 40 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. अदालत ने कहा है कि अपील की मियाद बीत जाने के बाद जुर्माने की आधी धनराशि वादी को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी. अभियोजन की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले की रिपोर्ट वादी विश्वनाथ ने 23 नवंबर 2000 को थाना गुडंबा में लिखाई थी जिसमें कहा गया था कि उसके मकान में कौशल रावत अपनी पत्नी एवं दो बच्चों के साथ रह रहा है तथा करीब 15 दिन पहले कौशल किसी काम से दिल्ली गया हुआ है. घर में कौशल की पत्नी व दो बच्चे थे। 30 नवंबर की सुबह करीब 7 बजे दूसरे किराएदार ने बताया कि आवाज देने पर भी कौशल की पत्नी जाग नहीं रही है तथा कमरे में बाहर से कुंडी लगी हुई है. वादी एवं अन्य लोगों ने जब कमरा खोलकर अंदर देखा तो कैलाश रावत की पत्नी के गले में धोती का फंदा लगा हुआ था तथा वह मृत हालत में तख्त पर पड़ी थी व उसके दोनों बच्चे बगल में बैठे थे. विवेचना के दौरान ग्राम बरेठी कमलापुर के रहने वाले अशोक जायसवाल की घटना में संलिप्तता पाई गई तथा घटना के समय आरोपी को मृतका के घर के पास देखा गया था.

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