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झारखंड की 'ज्योति मौर्या' बनी कल्पना, पति ने सात सालों तक पढ़ाकर बनाया नर्स, अब साथ रहने से किया इनकार

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Published : Jul 6, 2023, 10:32 PM IST

सात सालों तक पति ने पढ़ा लिखा कर पत्नी को नर्स बनाया. लाखों रुपए खर्च किए. खुद कर्ज में डूब गया और उस कर्ज को उतारने के लिए दिन रात मेहनत करने लगा. लेकिन अंत में पत्नी ने पति के साथ रहने से ही इनकार कर दिया. यूपी की ज्योति मौर्या की कहानी झारखंड में कल्पना ने दोहराई है.

Jyoti Maurya story story in jharkhand
Jyoti Maurya story story in jharkhand

पीड़ित पति का बयान

साहिबगंज: यूपी की ज्योति मौर्या की कहानी हर ओर छायी हुई है. कैसे उसके पति ने उसे पढ़ा कर एसडीएम बनाया. जब वह एसडीएम बन गई तो उसने अपने पति को धोखा देकर दूसरे शख्स से शादी रचा ली. ठीक इसी से मिलता-जुलता मामला झारखंड के साहिबगंज जिले से भी सामने आया है, जहां एक पति ने कड़ी मेहनत कर अपनी पत्नी का कॉलेज में दाखिला कराया. उसे पढ़ाया और जब पत्नी की जॉब लग गई तो उसने पति से मिलना ही बंद कर दिया. अब पत्नी से परेशान पति ने न्याय के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है.

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मिली जानकारी के अनुसार, साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र के बांझी बाजार निवासी कन्हाई पंडित की शादी 2009 में तेलो बथान निवासी कल्पना कुमारी से हुई थी. दोनों का एक 10 साल का बेटा भी है. कन्हाई पंडित काम करने गुजरात चला गया. पीड़ित पति कन्हाई ने बताया कि उसने अपनी पत्नी को बोरियो कॉलेज में सात साल तक पढ़ाया. जिसमें उसके डेढ़ लाख से भी ज्यादा रुपए खर्च हुए. इसके बाद फिर उसने दो साल तक पत्नी को जमशेदपुर में एएनएम की ट्रेनिंग कराई, जिसमें उसके करीब ढ़ाई लाख रुपए खर्च हुए. पत्नी की इस पढ़ाई के चक्कर में पति कर्ज में डूब गया.

पत्नी ने साथ रहने से किया इनकार: लॉकडाउन में जब कन्हाई घर आया तो उसे पता चला कि उसकी पत्नी झुमावती अस्पताल में काम करने लगी है. वह अपनी पत्नी से मिलने वहां पहुंच गया और दोनों की मुलाकात हुई. अस्पताल में पुरुष के प्रवेश पर रोक होने का बहाना बना कर पत्नी ने उसे आगे से मिलने से मना कर दिया. इसके बाद कन्हाई फिर गुजरात चला गया. फिर जब वह वापस आया तो पत्नी ने साथ रहने से इनकार कर दिया. 14 अप्रैल को पत्नी ये कहकर चली गई कि वह मायके जा रही है.

एसडीपीओ से लगाई न्याय की गुहार: इधर, पति ने एसडीपीओ को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित पति कन्हाई पंडित ने बताया कि उसकी ऐसी स्थिति नहीं थी कि वह पत्नी को पढ़ा सके. मजदूरी करके उसने पत्नी कल्पना को पढ़ाया. अब वह एएनएम का प्रशिक्षण लेकर अस्पताल में काम कर रही है. कर्ज को भरने के लिए वह दो बार गुजरात काम करने गया. लेकिन घर पर आने के बाद पत्नी का रवैया ठीक नहीं लगा.

पत्नी के रवैया में आ गया था बदलाव: उसने बताया कि पत्नी उसे खाना पीना तक नहीं देती थी. यहां तक कि मायके का बहाना बनाकर चली गई है. पति ने कहा कि ससुर, सास और साला ने उसकी पत्नी को कहीं हटा दिया है. उसे उसके बच्चे और पत्नी की चिंता हो रही है कि वे कहां हैं, सुरक्षित है या नहीं. पति ने बताया कि उसकी पत्नी ने कहा कि वह उसके साथ नहीं रहेगी. उसने एसपी और एसडीपीओ राजेंद्र दूबे को आवेदन देकर पत्नि और बच्चा को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगायी है.

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