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JEE Main 2021 : होनहारों से जानें सफलता के मंत्र, जिससे बन गए आंखों के तारे

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Published : Sep 15, 2021, 8:45 PM IST

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देश के सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2021 (JEE Main 2021) की ऑल इंडिया रैंक (All India Ranking) जारी कर दी गई है. फर्स्ट रैंक 18 स्टूडेंट्स को मिली. इनमें राजस्थान के 3 स्टूडेंट्स (3 Students From Rajasthan) शामिल हैं. वहीं चंडीगढ़ के गुरअमृत सिंह ने 300 में से 300 स्कोर किया है. जानते हैं इनके जीत के पीछे की कहानी, सफलता के मंत्र जिसने आज इन्हें सबकी आंखों का तारा बना दिया है.

कोटा/चंडीगढ़ : मंगलवार देर रात इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन का रिजल्ट (JEE Main Result 2021) घोषित कर दिया गया. इसमें कुल 44 उम्मीदवारों ने 100 परसेंटाइल प्राप्त किये हैं. वहीं कुल 18 स्टूडेंट्स की पहली रैंक है. जिसमें चंडीगढ़ के गुरअमृत सिंह (JEE topper guramrit singh) भी शामिल हैं. इन्होंने 300 में से 300 स्कोर किया है. पहली रैंक में राजस्थान के तीन छात्र भी शामिल हैं. इन स्टूडेंट्स में से दो कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे थे, वहीं एक छात्र जयपुर में अध्ययनरत था. इनमें मुंबई के रहने वाले सिद्धांत मुखर्जी, रायपुर छत्तीसगढ़ के रहने वाले अंशुल वर्मा और जयपुर के रहने वाले मृदुल अग्रवाल शामिल हैं. इनको लेकर इन दिनों खूब चर्चाएं हो रही है. हर प्रतियोगी छात्र इनसे जुड़ी हुई छोटी से छोटी जानकारी इकट्ठा करना चाहता है. कैसा उनका बैकग्राउंड रहा है? किस तरह से उन्होंने तैयारी की, इसको लेकर सबमें जिज्ञासा है. आइए जानते हैं इन छात्रों के कठिन श्रम के बारे में.

एनसीईआरटी (NCERT) पर फोकस किया
मुंबई के रहने वाले सिद्धांत मुखर्जी जेईईमेन (JEE Main 2021) फरवरी परीक्षा में 100 परसेंटाइल (100 Percentile) लेकर आए थे. इसी के बूते पर वह जेईई मेन 2021 के फर्स्ट रैंक वाले स्टूडेंट्स में शामिल हैं. उन्होंने पूरे में से पूरे अंक लाकर परफेक्ट स्कोर जेईईमेन (Perfect Score In Jee Main) में किया था, यानी कि 300 में से 300 अंक उनके आए थे. सिद्धांत के पिता संदीप मुखर्जी रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management) कंपनी संचालित करते हैं व मां नबनीता मुखर्जी बैंक कर्मचारी हैं. सिद्धांत कोटा में अपनी नानी श्रीपर्णा के साथ रहते थे.

सिद्धांत कहते हैं- पूरे देश के स्टूडेंट्स कोटा आते हैं. इसलिए पढ़ाई के लिए बेस्ट पीयर ग्रुप (Peer Group) मिलता है. मैंने जेईई मेन की तैयारी के लिए एनसीईआरटी (NCERT) पर फोकस किया. सबसे ज्यादा एक्यूरेसी (Accuracy) पर ध्यान दिया.

मृदुल अग्रवाल ने समय की कीमत पहचानी
जयपुर के रहने वाले मृदुल अग्रवाल ने फरवरी और मार्च जेईई मेन (JEE Main) परीक्षा दोनों में 100 परसेंटाइल अंक प्राप्त किए थे. हालांकि मार्च में ही मृदुल को 300 में से 300 परफेक्ट स्कोर (Perfect Score) मिले हैं. मृदुल का कहना है कि वह रोज का टारगेट लेकर पढ़ाई करते थे और उस दिन के टॉपिक को खत्म करके ही सोते थे. इसमें दूसरे दिन की तैयारी भी रहती थी कि अगले दिन क्या पढ़ाई करनी है. रोजाना 6 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी बिना किसी रोक टोक के की.

मृदुल का कहना है- लॉकडाउन का मुझे काफी फायदा मिला और इसी के चलते मैं टॉपर बन पाया. लॉकडाउन के चलते पिछले दिनों मुझे लाभ हुआ. ऑनलाइन ही कोचिंग से पढ़ाई पूरी की. कई साथी स्टूडेंट्स का साथ मिला, तो डाउट इंटरेक्शन और बढ़ गया. अब जेईई-एडवांस्ड का टारगेट है और आईआईटी मुम्बई (IIT Mumbai) से कम्प्यूटर साइंस (Computer Science) की पढ़ाई करना चाहता हूं. पापा प्रदीप अग्रवाल एक प्राइवेट फर्म में अकाउंट्स मैनेजर हैं. वहीं मां पूजा अग्रवाल गृहिणी हैं. Motivation मां और टीचर्स ने बढ़ाए रखा.


विशेष टॉपिक्स पर ज्यादा फोकस
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी अंशुल वर्मा जेईईमेन (JEE Main) के तीसरे सेशन (3rd Session Of JEE Main) में राजस्थान के टॉपर रहे थे. अंशुल कोटा से ही तैयारी कर रहे थे, इसीलिए छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी होते हुए भी वो राजस्थान के टॉपर बने. यहां तक कि उन्होंने 100 परसेंटाइल स्कोर के साथ साथ 300 में 300 का परफेक्ट स्कोर भी किया है. हालांकि अंशुल जेईईमेन, फरवरी और मार्च में भी Appear हुए , लेकिन 100 परसेंटाइल का स्कोर नहीं अर्जित कर पाए.

ऐसे में कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते तीसरा सेशन टल गया और तीसरे सेशन में ही उन्होंने काफी जमकर तैयारी की. जिसके बाद 100 परसेंटाइल का स्कोर कर दिखाया. अंशुल ने बताया कि मैंने जेईई मेन फरवरी में 99.95 और मार्च अटैम्प्ट में 99.93 पर्सेन्टाइल, स्कोर किए थे. मैं दोनों रिजल्ट से संतुष्ट नहीं था. इसलिए मैंने जुलाई में थर्ड अटैम्प्ट (3rd Attempt) दिया, जिसकी तैयारी में मुझे कोटा की एक्सपर्ट फैकल्टीज (Expert Faculty Of Kota) व स्टडी मैटेरियल (Study Material) का काफी सपोर्ट मिला. एनसीईआरटी सिलेबस (NCERT Syllabus) और जेईई मेन (JEE Main) के विशेष टॉपिक्स (Special Topics) पर ज्यादा फोकस किया.

जीत के पीछे की कहानी.

प्रतिदिन 7 घंटे की पढ़ाई

चंडीगढ़ के गुरअमृत ने कहा कि वह प्रतिदिन 7 घंटे पढ़ाई करते थे. कई बच्चे ऐसे भी थे जो ज्यादा देर तक पढ़ाई कर सकते थे, लेकिन मैं 7 घंटे ही कर सकता था और दिन में पढ़ाई के अलावा फुटबॉल और क्रिकेट जैसे खेलों के लिए भी समय निकाल लेता था. हालांकि इस दौरान मैंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल कभी नहीं किया. इसके अलावा गुरअमृत ने कहा कि उसकी सारी पढ़ाई ऑनलाइन ही हुई है, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से भी उनकी तैयारी पर कोई असर नहीं पड़ा. सभी टीचर्स ने उन्हें अच्छे तरीके से पढ़ाया जिससे वह इतनी अच्छी रैंक ला पाए.

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