नई दिल्ली:देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी सफलता के रूप में कहें तो भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने तपेदिक के बोझ का आकलन करने के लिए अपना 'देश के भीतर गतिशील गणितीय मॉडल' का निर्माण किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने मंगलवार को नई दिल्ली में कहा, 'इस मॉडल का निर्माण बीमारी के प्राकृतिक इतिहास, संक्रमण की व्यक्तिगत स्थिति, बीमारी, स्वास्थ्य देखभाल की मांग, चूक या सही निदान, उपचार कवरेज और इलाज और मृत्यु सहित परिणामों के आधार पर किया गया.'
इस गणितीय मॉडल के साथ, भारत के लिए टीबी की घटनाओं और मृत्यु दर के अनुमान की जानकारी हर साल मार्च तक उपलब्ध होगी जो डब्ल्यूएचओ की तुलना में छह महीने पहले होगी जो हर साल अक्टूबर में अनुमान देगी. सूत्रों ने कहा, 'इस गणितीय मॉडल से भारत भविष्य में राज्य स्तर के लिए भी इस तरह का अनुमान लगा सकता है. डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमानित 210 के बजाय भारत की टीबी घटना दर प्रति 100,000 जनसंख्या पर 196 है और संचारी रोग से अनुमानित मृत्यु 2021 में अनुमानित 4.94 लाख के बजाय 3.20 लाख है.
2022 के लिए पूर्ण घटना संख्या भारत के अपने मॉडल का उपयोग करके 2022 में 27.70 लाख पर पहुंच गई, जबकि 2021 में डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमानित 29.50 लाख थी. भारतीय मॉडल के अनुसार टीबी मृत्यु दर 23 व्यक्ति प्रति 1,00,000 लोगों पर है, जबकि डब्ल्यूएचओ ने 2022 में 35 का अनुमान लगाया था. वहीं, वर्ष 2020 और 2021 में आकलन में गड़बड़ी हुई.