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Kartik Purnima 2021 : जानें स्नान दान और पूजन का शुभ मुहूर्त

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Published : Nov 18, 2021, 4:03 AM IST

कार्तिक में पूर्णिमा का खास महत्व है. इस दिन स्नान-दान और ध्यान से सर्वाधिक पुण्य मिलता है. यह दिन विष्णुजी को समर्पित है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान (Dev Deepawali 2021) और तुलसी पूजा भी की जाती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को है.

Kartik Purnima 2021
Kartik Purnima 2021

रांची : सनातन धर्म के अनुसार कार्तिक महीना (Kartik kartik Mass) सबसे शुभ और महत्वपूर्ण महीना माना जाता है. कार्तिक के पवित्र महीने में पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) मनाया जाता है. इस दिन लोग उपवास रखकर भगवान विष्णु (worship of lord vishnu) का पूजन करते हैं.

हर महीने में पूर्णिमा (Kartik Purnima) होता है. लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima ) का एक विशेष ही महत्व है. इस दिन भक्त एक दिन का उपवास रखते हैं और फिर चंद्रमा (Kartik moon) को देखकर ही इस उपवास को तोड़ते हैं.

कब होगा शुभ मुहर्त (Kartik Purnima Shubh Muhurt)

19 नवंबर 2021 को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) का पर्व मनाया जाएगा. पंडित जितेंद्र जी महाराज ने बताया कि 18 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे के बाद से ही कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) लग जाएगी, जो 19 नवंबर की देर शाम को समाप्त होगी. इस शुभ मुहूर्त में भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन कर सकते हैं.

कार्तिक में पूर्णिमा का खास महत्व है.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन विष्णु विवाह का समापन

कार्तिक पूर्णिमा को लेकर पंडित जितेंद्र महाराज बताते हैं कि भगवान विष्णु और भगवती तुलसी के विवाह का समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है. अध्यात्म के अनुसार एकादशी (ekadashi) के दिन से ही विष्णु विवाह शुरू हो जाता है. द्वादशी को भक्त भगवान शिव का पूजन करते हैं. त्रियोदशी और चतुर्दशी को भगवती पार्वती का व्रत होता है और पांचवें दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है, इस दिन भगवान विष्णु के विवाह का समापन होता है.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा भी की जाती है.

कैसे करें पूजा (Kartik Purnima Pujan Vidhi)

पंडित जितेंद्र जी महाराज बताते हैं कि भगवान विष्णु का महीना होने के कारण भक्त लक्ष्मी नारायण का पूजन विधि विधान के साथ करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) का पूजन करने के लिए भक्त पहले सुबह-सुबह नदी किनारे स्नान करें अन्यथा घर पर ही पानी में गंगा जल (ganga snan) मिलाकर स्नान करें. उसके बाद व्रत का संकल्प लेकर विष्णु जी के समक्ष शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं. भगवान को तिलक लगाकर धूप-दीप, फल-फूल व नैवेद्य से विधिवत पूजन करें. शाम को विष्णु पूजन करें. घी में भूनकर पंचामृत और आटे का कसार चढ़ाएं. इसके अलावा भगवान विष्णु (lord vishnu) के साथ महालक्ष्मी जी की भी आरती उतारे. चंद्रमा (moon) निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima significance)

पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस (tripurari purnima) का वध किया था और देवताओं को उनका स्वर्ग वापस दिलाया था. वहीं कुछ कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु मत्स्य अवतार लेकर लोगों के जीवन की रक्षा की थी. इसी दिन गंगा किनारे देवता दीपावली (Dev Deepawali) मनाते हैं. इसलिए इस दिन को देव दीपावली (Dev Deepawali) भी कहा जाता है. लोग गंगा किनारे दीपक जलाकर भगवान विष्णु और अपने इष्ट देवताओं का पूजन करते हैं.

धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि की होती है प्राप्ति

कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वाले भक्तों को जीवन में धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) को विधिवत रूप पूजन करने वाले भक्तों को मृत्यु के बाद यम मार्ग से मुक्ति एवं विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.

इस मंत्र का करें मंत्रोचारण

  • "ॐ ह्रींग नमः"
  • "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"

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