शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव में जिला शिमला की रामपुर सीट को लेकर नया ही बवाल मचा है. यहां से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी कौल नेगी के जाति प्रमाण पत्र का मामला हाईकोर्ट पहुंचा है. रामपुर विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. इस सीट पर कौल नेगी बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने तहसीलदार रामपुर को मामले का निपटारा करने के लिए दो दिन का समय दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने इस मामले से संबंधित याचिका की सुनवाई की. प्रीतम देव नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने तहसीलदार रामपुर को उपयुक्त आदेश जारी किए. (High Court on Kaul Negi caste certificate case) (Himachal Assembly Elections 2022)
क्या है पूरा मामला: प्रीतम देव की तरफ से दाखिल याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार कौल नेगी जिला किन्नौर के नास्पो गांव के रहने वाले हैं. केंद्र सरकार ने जिला किन्नौर को जनजातीय का दर्जा दिया है. याचिका में कहा गया है कि कौल नेगी के पिता ने प्रदेश सरकार में जनजातीय क्षेत्र के तहत मिलने वाले आरक्षण के आधार पर नौकरी ली थी. (BJP candidate from Rampur Kaul Negi)
जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण के आधार पर स्नातक की उपाधि: यही नहीं, कौल नेगी ने अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि भी जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण के आधार पर ली है. याचिका में आगे कहा गया है कि कौल नेगी ने प्रशासन को गुमराह करके अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र हासिल किया है. वहीं, नियमानुसार उसे यह प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता है.