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Land For Job Scam: सीबीआई की नई चार्जशीट पर सुनवाई 12 सितंबर तक टली

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Published : Aug 8, 2023, 3:09 PM IST

जमीन के बदले रेलवे में नौकरी घोटाला मामले में मंगलवार को कोर्ट की सुनवाई टल गई. अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 12 सितंबर सुनिश्चित की है.

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नई दिल्ली: जमीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) घोटाला मामले में सीबीआई की नई चार्जशीट पर मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई टल गई. विशेष सीबीआई जज गीतांजलि गोयल ने मामले को 12 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि चार्जशीट स्वीकार करने लायक है या नहीं. CBI ने 3 जुलाई को इस मामले में नई चार्जशीट दाखिल की है.

इस नई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है, जबकि लालू यादव, राबड़ी देवी सहित अन्य लोग भी इस चार्जेशीट में भी आरोपित हैं. अगर कोर्ट चार्जशीट को स्वीकार करती है तो तेजस्वी यादव को कोर्ट में पेश होकर जमानत लेनी होगी. इस मामले में लालू, राबड़ी और मीसा भारती पहले ही जमानत पर हैं.

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लगातार टल रही सुनवाईः इससे पहले 12 जुलाई को हुई सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट को सूचित किया था कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और कुछ रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने (अभियोजन मंजूरी) की मंजूरी हासिल करने में एक महीने का समय लगेगा. अदालत ने इन दलीलों के बाद चार्जशीट पर संज्ञान के बिंदु पर बहस 8 अगस्त के लिए टाल दी थी.

उल्लेखनीय है कि लैंड फॉर जॉब घोटाले में तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ और निजी व्यक्तियों सहित कुल 17 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने तीन जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दाखिल की थी.

इससे पहले सीबीआई ने 18 मई 2022 को तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप लगाया गया था कि 2004-2009 की अवधि के दौरान तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री ने समूह डी के अलग-अलग पदों पर नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि और अन्य संपत्ति के हस्तांतरण आदि के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था.

यह भी आरोप लगाया गया कि जोनल रेलवे में एक व्यक्ति की जगह दूसरे को नौकरी देने की ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, फिर भी जो नियुक्त व्यक्ति पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था.

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