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Bihar Caste Census : बिहार में जाति आधारित सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 9:54 AM IST

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर हो रही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में नया मोड़ आ गया है. इस मामले में अब केंद्र सरकार भी अपना पक्ष रखना चाहती है, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र को एक हफ्ते की मोहलत दी थी. अब आज यानी सोमवार को उच्चतम न्यायालय केंद्र सराकर की दलील पर गौर फरमाएगी.

Supreme Court
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पटनाः बिहार में जातीय जनगणनापर आज एक बार फिर से सुनवाई होने जा रही है, जहां आज कोर्ट केंद्र सरकार के पक्ष को सुनेगा. पिछली सुनवाई में केंद्र ने कहा था कि वो इस मामले में कुछ सबमिशन दाखिल करना चाहते हैं. वहीं बिहार सराकार का कहना है कि सर्वे का काम पूरा हो चुका है. आंकड़े भी ऑनलाइन अपलोड किए जा चुके हैं. अब तमाम बिंदूओं पर विचार करने के बाद ही अदालत आज किसी निर्णय पर पहुंचेगी.

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जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनाई आजः दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से एक हफ्ते का समय मांगा था, इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था और एक हफ्ते का समय दिया गया था, आज सुनवाई में कोर्ट केंद्र सराकर का पक्ष सुनने के बाद कोई फैसला ले सकती है, या दलीलों से संतुष्ट नहीं पर सुनवाई आगे भी बढ़ सकती है, कुल मिलाकर बिहार में हो रहे जातीय जनगणना पर पेंच अभी फंसा हुआ है, उधर बिहार सरकार का दावा है कि गणना का काम पूरा हो चुका है, जातीय गिनती और आंकड़े के बिना किसी भी योजना का लाभ जनता को सही ढ़ंग से नहीं दिया जा सकता.

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जातीय जनगणना पर सियासत तेजःवहीं, बिहार में इसे लेकर क्रेडिट पॉलिटिक्स भी जोरों पर चल रही है. अटॉर्नी जनरल द्वारा कोर्ट में जाकर अपना पक्ष रखने की बात पर लालू प्रसाद ने कहा है कि कास्ट नरेन्द्र मोदी को परेशान कर रहा है, जातीय गणना को मौजूदा केंद्र सरकार नफरत से देख रही है. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि बीजेपी का पिछड़ा, अति पिछड़ा और गरीब गुरबा विरोधी चेहरा सामने आ गया है. जबकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि वो लोग तो शुरू से ही जातीय जनगणना पर सरकार के साथ थे. प्रधानमंत्री से मिलने जब सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गया था, उसमें भी हमलोग शामिल थे. सर्वदलीय बैठक में भी शामिल थे. जेडीयू का बीजेपी पर लगया जा रहा आरोप बिल्कुल गलत है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी नजरः आपको बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना का काम दो चरणों में पूरा हो चुका है. पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने इस काम को तेजी से पूरा कराया है, अब आंकड़ों का विश्लेषण हो रहा है. सर्वे में मिले डेटा के अधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. हालांकि अब तक ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, और आज फिर इस पर सुनवाई होगी. अब देखना ये है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार का पक्ष सुनने का बाद क्या फैसला सुनाती है, हालांकि कानून के जानकारों का कहना है कि अब इस पर रोक लगने की संभावना कम ही दिखती है.

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