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ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस से जुड़े सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई की मांग, अगली सुनवाई 21 को

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Published : Nov 16, 2022, 9:35 PM IST

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद को लेकर कोर्ट में कई मुकदमें चल रहे हैं. इसमें मुख्य विवाद की सुनवाई जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हो रही है. कोर्ट में सभी मुकदमों की सुनवाई एक साथ करने की मांग की गई है.

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वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद को लेकर कोर्ट में कई मुकदमें चल रहे हैं. इसमें मुख्य विवाद की सुनवाई जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हो रही है. इन सबसे अलग विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से सिविल जज कोर्ट में पिछले दिनों ज्ञानवापी पर कब्जा देने और मुस्लिम समुदाय के प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी एक याचिका भी दायर की गई है. विश्व वैदिक सनातन संघ की याचिका पर कोर्ट में मामला विचारणीय है.

विश्व वैदिक सनातन द्वारा दायर वाद में आज एक नया मोड़ आ गया. इस मुकदमे की 4 अन्य वादी महिलाओं ने कोर्ट में अर्जी देते हुए सभी मुकदमों की एक ही स्थान पर सुनवाई करने की अपील की. अब इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी. इस मामले में जितेंद्र सिंह बिसेन का कहना है कि यह पूरा मामला षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है, क्योंकि अब हम 4 अन्य वादी महिलाओं से अलग होकर मुकदमें लड़ रहे हैं. इसलिए वह हमें कमजोर करने के लिए ऐसी साजिश कर रहे हैं. यह एप्लिकेशन आदि विश्वेश्वर केस की वादिनी किरन सिंह विसेन ने नहीं बल्कि मां श्रृंगार गौरी केस की अन्य वादी महिलाओ लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से दी गई है.

यह बोले अधिवक्ता.
ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा के अधिकार के लिए वाराणसी की सिविल कोर्ट में मुकदमा पहले ही दाखिल किया गया है. मुकदमे में यह भी मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रह की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए. इन्हीं 5 महिलाओं में से लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने जिला जज की कोर्ट में एप्लिकेशन दी है. चारों महिलाओं का कहना है कि दोनों मुकदमों में शामिल मूल मुद्दे समान और महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे पूरे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं से संबंधित हैं इसलिए, उन्हें एक साथ सुना जाना चाहिए.


आवेदन में कहा गया है कि यह जनहित में होगा कि यदि दोनों मुकदमों की सुनवाई एक साथ की जाती है तो समय और धन की बचत होगी. साथ ही किसी तरह की कानूनी कठिनाइयां उत्पन्न नहीं होगी. एप्लिकेशन पर सुनवाई करते हुए प्रभारी जिला न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि इसे प्रकीर्ण वाद के रूप में पंजीकृत किया जाए. साथ ही मामले से संबंधित विवरण जिला न्यायाधीश के न्यायालय को भेजा जाए.


दरसअल, ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, परिसर हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ के अधिकार के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से केस दाखिल किया गया है. इस मुकदमे की सुनवाई वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है. इस मुकदमे में यूपी सरकार, वाराणसी के डीएम व पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है. इस मुकदमे में बहस पूरी हो चुकी है. अदालत ने अपना आदेश सुनाने के लिए 17 नवंबर की डेट फिक्स की है.

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