नई दिल्ली : लगभग एक साल पहले 12 जून 2021 को ब्रिटेन के कॉर्नवाल में एक कार्बिस बे रिसॉर्ट में जी-7 शिखर सम्मेलन में दुनिया के सात सबसे अमीर देशों ने चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रसार को रोकने के लिए एक विकल्प स्थापित करने का स्पष्ट आह्वान किया था. इसे चीनी प्रभाव का जाल बताया था. 'बिल्ड, बैक, बेटर वर्ल्ड' (3BW) कहा था. इसी के मद्देनजर दुनिया के सात विकसित देशों के संगठन समूह-7 (जी-7) के नेताओं ने भारत जैसे विकासशील देशों में ढांचागत परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2027 तक 600 अरब डॉलर का वित्त जुटाने की महत्वाकांक्षी योजना का एलान किया है.
सोमवार को G-7 ने फिर से ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट (PGII) योजना के लिए साझेदारी के आधिकारिक लॉन्च की घोषणा की, जिसका उद्देश्य सुरक्षा जरूरतों को आगे बढ़ाने के अलावा, 'विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के अंतर को खत्म करने के लिए गेम-चेंजिंग प्रोजेक्ट्स को मजबूत' करना है. जी-7 देशों की इस पहल को चीन की तरफ से चलाई जा रही ‘बेल्ट एवं रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. चीन ने दुनिया के कई देशों को ढांचागत परियोजनाओं के लिए भारी कर्ज दिया हुआ है. जी-7 देशों के यहां आयोजित शिखर सम्मेलन में रविवार को 'वैश्विक अवसंरचना एवं निवेश भागीदारी' (पीडीआईआई) योजना का अनावरण किया गया. यह योजना जी-7 की पिछले साल ब्रिटेन बैठक में घोषित योजना का ही संशोधित रूप है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीजीआईआई का एलान करते हुए कहा कि यह योजना सभी के लिए फायदेमंद साबित होगी. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'जी-7 के देश मिलकर 2027 तक करीब 600 अरब डॉलर जुटाएंगे जिसे महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाओं में लगाया जाएगा. ये परियोजनाएं लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाएंगी और सही मायने में उनके लिए लाभदायक होंगी.'
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वैश्विक ढांचागत भागीदारी की यह पहल कोई मदद या 'चैरिटी' न होकर सभी लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए किया जाने वाला निवेश है. इससे सभी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा. चीन की अरबों डॉलर वाली बीआरआई योजना की इस आधार पर आलोचना की जाती रही है कि इसने कई विकासशील देशों को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तरफ से 2013 में घोषित बीआरआई योजना के तहत विकासशील देशों को बंदरगाह, सड़क एवं पुल बनाने के लिए कर्ज दिया जाता है.