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प्रोटेम स्पीकर के रूप में अकबरुद्दीन का विरोध करने पर कांग्रेस ने की भाजपा की आलोचना

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 9, 2023, 3:15 PM IST

तेलंगाना में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर मचे घमासान के बीच एआईसीसी प्रभारी महासचिव माणिकराव ठाकरे ने कहा कि 'वे सिर्फ हंगामा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.' ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट. Manikrao Thakre, Congress slams BJP,  AIMIM MLA Akbaruddin Owaisi, Telangana Protem Speaker.

Congress slams BJP
कांग्रेस ने की भाजपा की आलोचना

नई दिल्ली :कांग्रेस ने शनिवार को भाजपा की आलोचना की जब उसके तेलंगाना विधायकों ने एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के साथ प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ लेने से इनकार कर दिया.

एआईसीसी प्रभारी महासचिव माणिकराव ठाकरे ने ईटीवी भारत को बताया, 'वे सिर्फ हंगामा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है, न कि सत्तारूढ़ दल द्वारा. दरअसल, इससे साबित होता है कि AIMIM बीजेपी की बी टीम है.'

कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी भाजपा विधायकों द्वारा शपथ लेने से इनकार करने और एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन औवेसी द्वारा नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने का विरोध करने के बाद आई है.

एआईसीसी सोशल मीडिया प्रभारी और सीडब्ल्यूसी सदस्य सुप्रिया श्रीनेत ने बताया, 'राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन भाजपा के पूर्व पदाधिकारी हैं. उन्होंने 8 दिसंबर को शपथ ग्रहण के लिए मानदंडों के अनुसार औवेसी को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया. भाजपा विधायक सिर्फ लोगों को गुमराह करने और राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं. अगर उन्हें कोई दिक्कत है तो वे खुद राज्यपाल से जाकर पूछ सकते हैं. शपथ ग्रहण पूरा होने के बाद विधिवत नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा.'

ठाकरे ने कहा कि भाजपा दक्षिणी राज्य में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत से नाराज थी. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव के दौरान भाजपा और बीआरएस दोनों की मदद कर रही थी.

ठाकरे ने कहा कि 'दरअसल कांग्रेस बीआरएस, बीजेपी और एआईएमआईएम से लड़ रही थी, जिनका 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गुप्त गठबंधन है. वे इसकी घोषणा बाद में करेंगे लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एक-दूसरे की मदद की. यही कारण है कि हमारे नेता राहुल गांधी ने बीआरएस के साथ कोई गठबंधन नहीं करने और बीआरएस को विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में शामिल नहीं करने का फैसला किया था.'

उन्होंने कहा कि 'मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण समारोह में बीआरएस का कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ. बीआरएस ने कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाने के लिए मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे लेकिन उनकी योजना काम नहीं आई.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों से अपील करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किए गए अभियान से कांग्रेस को कड़े मुकाबले वाले चुनावों में अतिरिक्त वोट हासिल करने में मदद मिली.

ठाकरे ने कहा कि 'हमने अपने समावेशी एजेंडे के तहत अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग चार्टर की घोषणा की.' राज्य चुनावों की निगरानी करने वाले एआईसीसी पदाधिकारी अजॉय कुमार ने कहा कि रेवंत सरकार ने कांग्रेस के वादे के अनुसार लोगों के प्रशासन की शुरुआत की है.

उन्होंने कहा कि 'हमारी नेता सोनिया गांधी ने राज्य बनाने में मदद की थी लेकिन पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी बीआरएस सरकार ने कभी भी लोगों की परवाह नहीं की. अब यह प्रजाला तेलंगाना की वापसी है. नए मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास का नाम एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाम पर रखा है और जनता दरबार लगा रहे हैं, जहां सैकड़ों लोग अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं. लोगों के लिए छह गारंटियों को मंजूरी दे दी गई है और जल्द ही इन्हें लागू किया जाएगा. ज़मीन पर बदलाव दिख रहा है और यह बीआरएस और भाजपा को परेशान कर रहा है.'

ठाकरे ने कहा कि नई कांग्रेस सरकार का मार्गदर्शक सिद्धांत दक्षिणी राज्य का सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन है जिसे एक दशक लंबे बीआरएस कुशासन ने पीछे धकेल दिया है.

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