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शस्त्र लाइसेंस घोटाला : सीबीआई ने जम्मू कश्मीर में कई जगह छापे मारे

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Published : Jul 24, 2021, 11:12 AM IST

Updated : Jul 24, 2021, 1:12 PM IST

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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों में बाहरी लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर हजारों शस्त्र लाइसेंस जारी करने के आरोपों से संबंधित मामले में शनिवार को कई जगहों पर छापे मारे. यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

श्रीनगर: सीबीआई ने शस्त्र लाइसेंस जारी करने में अनियमितताओं के आरोप में जम्मू कश्मीर में कई जगह छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शस्त्र लाइसेंस घोटाले के सिलसिले में श्रीनगर के पूर्व उपायुक्त डॉक्टर शाहिद इकबाल चौधरी के आवास पर छापेमारी की है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चौधरी के तुलीशबाग सरकारी क्वार्टर पर छापेमारी की गई.

हालांकि एजेंसी ने अब तक इन छापों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन पुष्टि की है कि यह अभियान 2019 में दर्ज एक मामले के संबंध में चलाया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर आज सुबह से अलग-अलग टीमाें ने छापेमारी की.

शस्त्र लाइसेंसिंग घोटाले ने साल 2017 में जम्मू-कश्मीर को झकझोर कर रख दिया था और मामला चंडीगढ़ की सीबीआई शाखा को सौंप दिया गया था. एजेंसी ने आईएएस अधिकारी कुमार राजीव रंजन को गिरफ्तार किया, जो डीसी कुपवाड़ा थे और उन्हाेंने यशा मुद्गल, इतरत हुसैन और कई अन्य लोगों सहित कई आईएएस अधिकारियों का नाम लिया. मामले 2017-18 में राजस्थान पुलिस द्वारा उजागर किए गए एक शस्त्र लाइसेंस रैकेट से संबंधित हैं, जहां पाया गया कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हजारों शस्त्र लाइसेंस फर्जी तरीके से जारी किए गए थे.

राजस्थान एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, जम्मू क्षेत्र के डोडा, रामबन और उधमपुर जिलों में 1,43,013 लाइसेंसों में से 1,32,321 राज्य के बाहर रहने वालों को जारी किए गए थे.

आरोप है कि 2012 और 2016 के बीच जम्मू कश्मीर के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने धन के लालच में फर्जी और अवैध रूप से थोक में शस्त्र लाइसेंस जारी किया था. सीबीआई ने कुपवाड़ा, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडो, पुलवामा और कुछ अन्य जगहों के तत्कालीन जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेटों के परिसरों के अलावा दिसंबर 2019 में श्रीनगर, जम्मू, गुरुग्राम और नोएडा समेत एक दर्जन जगहों पर छापेमारी की थी.

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राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2017 में इस घोटाले का खुलासा किया था और अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस जारी करने में संलिप्तता के आरोप में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. एटीएस के अनुसार, कथित रूप से सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक परमिट दिए गए थे. एटीएस के निष्कर्षों के आधार पर, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल एन एन वोहरा ने मामले में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया था.

Last Updated :Jul 24, 2021, 1:12 PM IST

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