दिल्ली

delhi

Buddha Purnima : जानें आज वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व, इन उपायों से मिलेगी सुख-शांति व पापों से मुक्ति

By

Published : May 5, 2023, 12:01 AM IST

Updated : May 5, 2023, 7:50 AM IST

हिंदूधर्म के अलावा बौद्ध धर्म में भी वैशाख पूर्णिमा का बहुत महत्व है. वैशाख पूर्णिमा / बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष पूजा व पवित्र नदी में स्नान और दान का महत्व बताया गया है. मान्यता के अनुसार, इसी दिन महात्मा बुद्ध का जन्म और ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए Vaisakh Purnima को Buddha Purnima के नाम से जाना जाता है.

Buddha Purnima
बुद्ध पूर्णिमा वैशाख पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा : हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, भगवान बुद्ध सत्य की खोज के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. बौद्ध धर्म के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म के रूप में मनाया जाता है. एक मान्यता के अनुसार, महात्मा बुद्ध का जन्म इसी दिन लुम्बिनी में हुआ था और माना जाता है कि इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. वे वर्षों तक सत्य की खोज में भटकते रहे और बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे कठोर तपस्या कर सत्य का ज्ञान प्राप्त किया. उसी ज्ञान से उन्होंने सारे संसार को नई रोशनी दी. Buddha purnima के दिन भगवान बुद्ध की पूजा के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है.

भगवान बुद्ध के साथ भगवान विष्णु की पूजा करना: बुद्ध पूर्णिमा के दिन कई लोग व्रत रखते हैं.इस दिन किसी पवित्र सरोवर या नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है. स्नान के बाद और पूजा के बाद दान अवश्य करना चाहिए.कहा जाता है कि इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है.बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना बहुत शुभ होता है. buddha purnima के दिन भगवान विष्णु ( Bhgvan Vishnu )और चंद्र देव ( Chandra Dev )की पूजा करने सेआर्थिक समस्या दूर होती है.

बुद्ध - वैशाख पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि-समय : इस दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की विशेष रूप से पूजा की जाती है.हिंदूधर्म के अलावा बौद्ध धर्म में भी इस तिथि का बहुत महत्व है. Buddha Purnima इसलिएभी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकिभगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवांअवतार माना जाता है.इसलिए इस दिन को हिंदूऔर बौद्ध दोनों ही धर्मों के लोगधूमधाम से मनाते हैं. बुद्ध पूर्णिमा की शुभ तिथि 15 मई को दोपहर 15:45 मिनट से 16 मई की रात 09:45 मिनट तक रहेगी.इस बार साल का पहला Chandra grahan 2023 ( चंद्र ग्रहण ) भी बुध पूर्णिमा को ही पड़ रहा है,लेकिन भारत में कहीं भी Lunar eclipse का असर नहीं होगा.पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.

स्नान और दान का महत्व: शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा के दिन भी पवित्र नदी में स्नान और दान करने का महत्व बताया गया है. पूर्णिमा व्रत चंद्रमा के दर्शन के बिना पूरा नहीं होता है.इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से चंद्रदेव कीकृपा प्राप्त होती है.कहा जाता है कि buddha purnima के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा करने से आर्थिक परेशानी दूर होती है.पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके सूर्य देव को प्रसाद चढ़ाने और नदी में तिल प्रवाहित करने की महिमा है.इस दिन गौतम बुद्ध की पूजा करने से आत्मविश्वास और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है.

वैशाख पूर्णिमा पर करें विशेष पूजा: ज्योतिषआचार्य बताते हैं कि"वैशाख पूर्णिमा के दिन विशेष ध्यान रखें, बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान शिव को स्नान कराएं,चंदन का लेप लगाएं, फूल, पान के पत्ते चढ़ाएं और भगवान विष्णु का श्रृंगार-पूजन व आरती करें. पुराणों में यहभी लिखा है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन घड़े का दान करें,इसलिए एक घड़े में पानी भरकर उसमें थोड़ी शक्कर मिलाएं. वो किसी गरीब या पुजारी,किसी मंदिर या धर्मस्थान जाकर घट दान करें तो अधिक पुण्य मिलता है. गर्मी के मौसम के कारण घटदान करना अति आवश्यक है,विशेषकर युवा और वृद्धों को.

गया और कुशी नगर में विशेष आयोजन: बिहार में बोधगया नामक स्थान हिंदुओं और बौद्धों के लिए एक पवित्र तीर्थ है.घर छोड़ने के बाद सिद्धार्थ सत्य की खोज में सात साल तक जंगल में भटकते रहे. बिहार के बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे घोर तपस्या की और ज्ञान प्राप्त किया. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर के महापरिनिर्वाण विहार में एक महीने का मेला लगता है. विहार के पूर्वी भाग में एक स्तूप है. यहां भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार किया गया था.

Lucky Day - Colour :इस सप्ताह 1 उपाय से मिलेगा सुकून, साथ में सप्ताहिक राशिफल

Last Updated : May 5, 2023, 7:50 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details