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मृदा प्रदूषण स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के लिए है बड़ा खतरा

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Published : Dec 5, 2020, 6:02 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 6:18 PM IST

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा मृदा प्रदूषण पर 'सॉइल पॉल्यूशन : ए हिडन रियलिटी' (Soil Pollution: A Hidden Reality) नामक एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसके मुताबिक मृदा प्रदूषण एक बहुत बड़ा खतरा है. यह खाद्य सुरक्षा के लिये तो हानिकारक है ही साथ ही यह हमारे स्वास्थ्य के लिये भी बड़ा खतरा बन सकता है. मृदा प्रदूषण पर आधारित एक रिपोर्ट...

Soil pollution
मृदा प्रदूषण

हैदराबाद : मृदा प्रदूषण उपजाऊ भूमि की मिट्टी का प्रदूषण है, जो कि धीरे-धीरे उर्वरक और औद्योगिकीकरण के उपयोग के कारण दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. आधुनिक समय में पूरी मानव जाति के लिए मृदा प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बन गया है. स्वस्थ जीवन को बनाए रखने के लिए मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है.

मृदा का प्रदूषण से बचाव आवश्यक

जहां यह कई छोटे-छोटे जानवरों का घर है, वहीं यह पौधों का जीवन भी है. मिट्टी का मनुष्यों द्वारा जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए विभिन्न फसलों के उत्पादन के लिए भी उपयोग किया जाता है.

खाद्य सुरक्षा पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव

प्रत्येक वर्ष, मृदा प्रबंधन और मृदा जैव विविधता हानि में बढ़ती चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और दुनियाभर की सरकारों, समुदायों के साथ-साथ व्यक्तियों को मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पांच दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

मृदा प्रदूषण है खतरा

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के मृदा विशेषज्ञ अब्देलकादेर बेंसडा बताते हैं, हम निर्भर करते हैं और मिट्टी द्वारा प्रदत्त पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर निर्भर रहेंगे.

मृदा जैव विविधता हानि में बढ़ती चुनौतियां

सॉइल पॉल्यूशन: ए हिडन रियलिटी
हालांकि, मृदा प्रदूषण के चलते परंपरागत रूप से पेड़-पौधे लगाने जैसे मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया. वहीं वैश्विक गति 2018 में बढ़ी, जब संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने ग्राउण्ड-ब्रेकिंग स्टडी सॉइल पॉल्यूशन : ए हिडन रियलिटी अध्ययन प्रकाशित किया.

मृदा प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

रिपोर्ट में पाया गया कि मृदा प्रदूषण के मुख्य मानवजनित स्रोत औद्योगिक गतिविधियों के उपोत्पाद के रूप में उपयोग या उत्पादित रसायन है. जैसे- घरेलू, पशुधन और नगरपालिका अपशिष्ट (अपशिष्ट जल सहित), कृषि रसायनों और पेट्रोलियम-व्युत्पन्न उत्पाद.

मृदा प्रदूषण एक बड़ी चुनौती

स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है मृदा प्रदूषण
मृदा प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है, क्योंकि विषाक्त रसायन शरीर में खाद्य श्रृंखला के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं और पूरे आंतरिक शरीर प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं. मृदा प्रदूषण को कम करने और प्रतिबंधित करने के लिए पर्यावरण संरक्षण कानूनों सहित सभी प्रभावी नियंत्रण उपायों का अनुसरण लोगों द्वारा विशेष रूप से उद्योगपति द्वारा किया जाना चाहिए. ठोस अपशिष्टों के रीसाइक्लिंग और पुन: उपयोग तथा लोगों के बीच जहां तक संभव हो सके वृक्षारोपण को भी बढ़ावा देना चाहिए.

मृदा प्रदूषण के मुख्य मानवजनित स्रोत

मृदा प्रदूषण के विभिन्न प्रकार
बिंदु-स्रोत प्रदूषण (Point-Source Pollution) :एक विशेष क्षेत्र के भीतर एक विशिष्ट घटना अथवा घटनाओं की एक श्रृंखला के कारण होने वाला मृदा प्रदूषण, जिसमें प्रदूषक मृदा में निर्मुक्त किए जाते हैं तथा प्रदूषण के स्रोत और प्रदूषक की सुगमतापूर्वक पहचान की जाती है. बिंदु-स्रोत प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में मानवजनित गतिविधियां सर्वप्रमुख हैं और यह शहरी क्षेत्रों में सामान्य है.

प्रदूषण मृदा की गुणवत्ता

विसरित प्रदूषण (Diffuse Pollution) :यह प्रदूषण व्यापक क्षेत्रों में फैला होता है, जो मृदा में संचयित होता है और इसका एकल अथवा सुगमता से पहचाना जाने वाला स्रोत नहीं होता है. इसमें पवन-मृदा-जल तंत्र के माध्यम से प्रदूषकों का परिवहन शामिल होता है.

मृदा प्रदूषण के कई दुष्प्रभाव

फसल की पैदावार को कर सकता है कम
रिपोर्ट में पाया गया कि मिट्टी के प्रदूषण का दो तरह से खाद्य सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. यह दूषित पदार्थों के विषाक्त स्तर के कारण फसल की पैदावार को कम कर सकता है. प्रदूषित मिट्टी में उगाई जाने वाली फसलें जानवरों और मनुष्यों द्वारा उपभोग के लिए असुरक्षित हैं. वहीं इसके लिए सरकारों से क्षति को रोकने में मदद करने का आग्रह भी किया और कृषि प्रदूषण को सीमित करने के लिए बेहतर मृदा प्रबंधन प्रथाओं को प्रोत्साहित किया गया है.

मृदा प्रदूषण के चलते कई हानिकारक प्रभाव

फरवरी 2021 में रिलीज होने वाली यूएनईपी रिपोर्ट
2018 के अध्ययन के अनुसार, यूएनईपी, ग्लोबल मृदा साझेदारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन और बेसल पर अंतर सरकारी तकनीकी पैनल, रॉटरडैम व स्टॉकहोम कन्वेंशन सचिवालय मिलकर मृदा प्रदूषण की सीमा समेत भविष्य के रुझानों पर आधारित एक रिपोर्ट पर काम कर रहे हैं. जोखिमों और स्वास्थ्य, पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव 'एक प्रदूषण मुक्त ग्रह की ओर' फरवरी 2021 में रिलीज होने वाली यूएनईपी रिपोर्ट पर आधारित है.

मृदा प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए जानलेवा

प्रदूषण मृदा की गुणवत्ता को समय के साथ कम कर सकता है, जिससे फसलों को उगाना मुश्किल हो जाता है. वर्तमान में भूमि और मिट्टी का क्षरण दुनिया के कम से कम 3.2 बिलियन लोगों - 40 प्रतिशत लोगों को प्रभावित कर रहा है. एफएओ के संशोधित विश्व मृदा चार्टर की सिफारिश है कि राष्ट्रीय सरकारें मृदा के प्रदूषण पर नियमों को लागू करती हैं और मानव स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक स्वस्थ वातावरण और सुरक्षित भोजन की गारंटी के लिए स्थापित स्तरों से परे दूषित पदार्थों के संचय को सीमित करती हैं.

Last Updated :Dec 5, 2020, 6:18 PM IST

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