दिल्ली

delhi

असम एनआरसी प्रक्रिया के दौरान वित्तिय अनियमित्ता की हो जांच : अभिजीत शर्मा

By

Published : Feb 18, 2020, 10:07 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 6:57 PM IST

असम पब्लिक वकर्स ( एपीडब्ल्यू) ने असम के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी ) के सौ फीसदी पुन: सत्यापन की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर की है.इ स मामले पर एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.

etvbharat
अभिजीत शर्मा

नई दिल्ली: असम पब्लिक वकर्स (एपीडब्ल्यू) ने असम के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) के सौ फीसदी पुन: सत्यापन की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक नई याचिका दायर की है.

दिल्ली में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने एनआरसी के पूर्व समन्वयक प्रतीक हजेला पर सरकारी धन की हेराफेरी करने का गंभीर आरोप लगाया है.

ईटीवी भारत से बात करते हुे अभिजीत शर्मा

आपको बता दें कि असम स्थित एपीडब्ल्यू एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है और यह शीर्ष अदालत एनआरसी के अद्यतन की मांग करने वालों में पहला याचिकाकर्ता था.

बातचीत के दौरान शर्मा ने बताया कि हजेला ने कुछ चुनिंदा लोगों के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा एनआरसी अपडेट प्रक्रिया के लिए आवंटित धन के एक बड़े हिस्से का साथ हेराफेरी की है.

दूसरी तरफ अभिजीत शर्मा ने एनआरसी प्रक्रिया में खामियाजों का जिक्र करते हुए कह कि 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित एनआरसी में अस्सी लाख अवैध विदेशी शामिल होने का दावा किया.

शर्मा ने यह भी कहा कि,'हमने संपूर्ण एनआरसी प्रक्रिया के 100 प्रतिशत पुन: सत्यापन की मांग की है. हमने न्यायिक समिति का गठन करके एक उचित जांच करने की भी अपील की है, ताकि एनआरसी अपडेशन (अद्यतनीकरण) प्रक्रिया में शामिल विसंगतियों का पता लगाया जा सके. हमने यह भी सिफारिश की है कि सीबीआई, एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियों को जांच करने की अनुमति दी जाए'.

साथ ही उन्होंने हजेला पर गंभीर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि 'उसने कई नामी कंपनियों केे साथ मिलकर करोड़ो रुपये की हेराफेरी किया है'.

शर्मा ने कहा कि हजेला ने ब्याज मुक्त मोबलाइजेशन एडवांस के नाम पर विप्रो को 52.07 करोड़ रुपये का लाभ कमाने का अवसर दिया.

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) का हवाला देते हुए शर्मा ने कहा कि एनआरसी के कार्य होने के दौरान इलेक्ट्रिक जनरेटर और लैपटॉप जैसी वस्तु बाजार मूल्य से बहुत अधिक लागत पर खरीदा. उन्होने कहा कि ' एनआरसी के अपडेशन के लिए के लिए हजेला ने लैपटॉप खरिदा था प्रति लैपटॉपर की कीमत 44,000 हजार दिखाया गया, लेकिन जब इसके बारे में सर्वेक्षण किया गया तो पता चला कि ऐसे लैपटॉप 22,500 प्रति मिल रहा है.

यह भी पढ़ें-CAA-NRC के विरोध में JNU के छात्रों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

अभिजीत शर्मा ने जोर देकर कहा कि हम इस मुद्दे को तब तक उठाते रहेंगे,जबतक एनआरसी से जुड़ी सारी विसंगतियों का निपटारा नहीं हो जाता है और इस मामले में पैसे का गबन करने वालों को दंडित नहीं किया जाता है.

गौरतलब है कि असम मे सर्वोच्च न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में एनआरसी की प्रक्रिया संपन्न कराई गई थी. और 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित किया गया था. जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनो समुदाय को मिलाकर 19 लाख से अधिक लोग बाहर हो गए थे.

Last Updated :Mar 1, 2020, 6:57 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details